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Nepal ने अभी ध्यान नहीं दिया तो उसका भी वही हाल होगा जो Tibet का हुआ था: डॉ. लोबसांग सांगेय
तिब्बत का इतिहास बेहद उथल-पुथल रहा है, लेकिन साल 1950 में चीन ने इस क्षेत्र को अपनी सीमा में मिलाने के लिए हज़ारों की संख्या में सैनिक भेज कर आक्रमण कर दिया था।
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इस विवाद से निपटने को लेकर सांगेय ने कहा कि तिब्बत को जोन ऑफ पीस बनाना होगा। दोनों सीमाएं आर्मी फ्री होनी चाहिए, तभी शांति होगी।
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केंद्रीय तिब्बती प्रशासन (CTA)के गृह विभाग (Department of Home)ने बुजुर्गों के लिए 14 ओल्डऐज होम (14 Old People’s Home) में देखभाल की पूरी व्यवस्था की है।