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अनूठी है वैरागी समुदाय की होली, यहां 40 दिन उड़ता रहता है गुलाल
कुल्लू के होली उत्सव यानी फाग उत्सव का समापन आज होलिका दहन के साथ हो गया। भगवान रघुनाथ की नगरी सुल्तानपुर में होलिका दहन की परंपरा देव रीति-रिवाजों के साथ निभाई गई। भगवान रघुनाथ ने सभी को आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर बैरागी समुदाय ने होली के गीत गाए गए।
हिमाचल में ब्रज की होली को सहेजे हुए कुल्लू का वैरागी समुदाय
इस समुदाय के लोग रघुनाथ को हर दिन गुलाल लगाते हैं। इस समुदाय द्वारा मनाई जाने वाली इस होली का संबंध नग्गर के झीड़ी और राधा कृष्ण मंदिर नग्गर ठावा से भी है।
हिमाचल के Kullu में कुछ ऐसा रहा Holi का नजारा, खूब उड़ा गुलाल
स्थानीय निवासी लोअर ढालपुर सिदार्थ पुरोहित ने बताया कि कुल्लू जिला में होली का त्योहार भगवान रघुनाथ के अयोध्या से कुल्लू आगमन के बाद शुरू हुआ।
Kullu में खूब उड़ा गुलाल, मंडी में कोरोना के खौफ से फीके दिखे रंग
ऐतिहासिक सेरी मंच पर आयोजित होने वाली डीजे पार्टी को भी आयोजकों ने न करने का निर्णय लिया था, जिस कारण भी अधिकतर लोग होली मनाने घरों से बाहर नहीं निकले।
भगवान रघुनाथ की नगरी में खूब उड़ा गुलाल
कुल्लू। भगवान रघुनाथ की नगरी होली के रंगों से सराबोर हो गई। कुल्लू में छोटी होली (Holi) के साथ ही रंग उड़ना शुरू हो गए हैं। जिला कुल्लू के मुख्यालय ढालपुर, सरवरी, अखाड़ा बाजार व सुल्तानपुर में सुबह से ही लोग टोलियों में निकल पड़े और एक दूसरे को रंग लगाकर होली की शुभकामनाएं दीं।… Continue reading भगवान रघुनाथ की नगरी में खूब उड़ा गुलाल
भगवान रघुनाथ की नगरी में छोटी Holi की धूम, खूब उड़ा गुलाल
कुल्लू जिला में होली का इतिहास भगवान रघुनाथ के कुल्लु आने के साथ ही शुरू हुआ था। भगवान रघुनाथ के साथ महंत समुदाय के लोग कुल्लू आए थे