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62 दिन अस्पताल में रहने पर US में Covid-19 के 70-वर्षीय मरीज़ को मिला 7.5 करोड़ का बिल
Last Updated on June 14, 2020 by Deepak
सिएटल। दुनिया भर में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) के कहर के बीच अमेरिका (US) की हालात अब भी सबसे खराब बनी हुई है। इस सब के बीच अमेरिका के सिऐटल एक बड़ा ही हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल सिऐटल में रहने वाले माइकल फ्लोर (70) जब 62 दिन तक कोरोना वायरस से लड़ने के बाद स्वस्थ हुए तो उन्हें लगा कि अब उनका मुश्किल वक्त खत्म हो गया लेकिन इसके बाद जो हुआ, उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। कोरोना वायरस से उबरने वाले माइकल फ्लोर को करीब 7.5 करोड़ का बिल (Bill) मिला है।
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अस्पताल के बिल ने भी मुझे करीब-करीब मार दिया
कोविड-19 से मृत्यु के करीब पहुंच चुके फ्लोर ने मज़ाक में कहा कि अस्पताल (Hospital) के बिल ने भी उन्हें करीब-करीब मार दिया। वह 29 दिन वेंटिलेटर पर रहे और 181-पेज के बिल में करीब 3,000 चीजें शामिल थीं। इस बिल में हर दिन 50 चीजों के हिसाब से कुल करीब 3 हजार चीजों की लिस्ट थी। अस्पताल द्वारा 42 दिन स्पेशल आइसोलेशन चैंबर वाले इंटेंसिव केयर यूनिट (ICU) के लिए 4 लाख 8 हजार 91 डॉलर और 29 दिन वेंटिलेटर के लिए 82 हजार 215 डॉलर का बिल बनाया गया। उन्हें 4 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कोरोना से लगातार बिगड़ती तबियत के बीच एक समय ऐसा भी आया था, जब नर्स ने उनके परिवार को मिलने के लिए बुलाने का सोचा। हालांकि, डॉक्टरों की कोशिश के बाद 62 दिन तक कोरोना से जंग लड़ने के बाद बुजुर्ग ठीक हो गए। आखिरकार 5 मई को उन्हें डिस्चार्ज किया गया। हालांकि, अस्पताल से निकलते वक्त उन्हें 181 पन्नों का बिल थमा दिया गया।
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मुझे जिंदा बचने के लिए बुरा लग रहा है। क्या मुझे इसका हक था?
उनसे हर दिन आईसीयू के लिए प्रतिदिन 7.39 लाख रुपए चार्ज किए गए। इसके अलावा उन्हें 42 दिन स्टेराइल रूम में रखने के लिए 4 लाख 9 हजार डॉलर (3 करोड़ 10 लाख रुपए) चार्ज किए गए। इसके अलावा 29 दिन तक वेंटिलेटर पर रखने के लिए 82 हजार डॉलर (62 लाख 28 हजार) और दो दिन जान खतरे में आने के बाद हुए ट्रीटमेंट के लिए 1 लाख डॉलर (करीब 76 लाख रुपए) चार्ज किए गए। इलाज के दौरान जब फ्लोर का दिल, किडनी और फेफड़े फेल होने लगे थे और वह जिंदगी और मौत के बीच झूल रहे थे, तब उनकी जान बचाने के लिए अस्पताल ने जो इलाज किए अकेले उनका बिल एक लाख डॉलर बना है। इसके अलावा बिल की एक-चौथाई कीमत दवाओं की है। फ्लोर का कहना है कि उन्हें बिल देखकर बहुत बुरा लगा क्योंकि अब किसी और को इसका नुकसान उठाना होगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे जिंदा बचने के लिए बुरा लग रहा है। क्या मुझे इसका हक था?’