-
Advertisement
दिल की सेहत के लिए संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली है जरूरी
Last Updated on August 7, 2021 by Sintu Kumar
आज हम जो जिंदगी जी रहे हैं उसका असर हमारे दिल पर पड़ता है। संतुलित जीवनशैली और नियमित व्यायाम दिल की सेहत के लिए बहुत जरूरी है। जीवन की भागदौड़ के नतीजतन, दिल से जुड़ी बीमारियों में इजाफा हुआ है। कम उम्र के लोगों में भी हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं। इस संबंध में एक बात यह राहत देने वाली हो सकती है कि संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली हमारे दिल को ज्यादा समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।
यह भी पढ़ें: कोरोना से निपटने को यहां स्कूलों, लंबी दूरी के परिवहन के लिए ग्रीन पास किया अनिवार्य
दिल की देखभाल का सबसे आसान तरीका असामान्य खान-पान पर नियंत्रण रखना है। आप जो भी खाएं, उससे पहले यह सुनिश्चित जरूर कर लें कि यह आपके दिल की सेहत के लिए अच्छा रहेगा या नहीं।
सब्जियों और फलों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो कि दिल की बीमारियों के रोकथाम के लिए बहुत उपयोगी होते हैं जाहिर है कि दिल पर सबसे बुरा असर धूम्रपान का पड़ता है। आपकी धूम्रपान की आदत छुड़ाने में खान-पान की भूमिका अहम होती है।
विटामिन से भरपूर चीजें जैसे कि रसीले फल, शिमला मिर्च, आंवला आदि खाने से धूम्रपान करने की इच्छा कम होती है। शुगर फ्री कैंडी से अपने मुंह को व्यस्त रखें। धूम्रपान की तलब लगने पर कुछ सूखे मेवों की महक आपका ध्यान भटका सकती है।
यह भी पढ़ें:रात के समय कभी ना करें खीरे का सेवन, हो सकता है ये नुकसान
स्वस्थ दिल के लिए अपने दिनचर्या में शारीरिक गातिविधियों को शमिल करना चाहिए। हर रोज कम से कम 40 से 60 मिनट तक योगा और व्यायाम करने की आदत डालिए। हर रोज जागिंग करें या पैदल चलें।
अपना रक्तचाप 130/80 तक रखिए। ब्लड प्रेशर रीडिंग की संख्यान अगर 140 या उससे ज्यादा हो जाए तो खतरनाक होता है। सिस्टो लिक बीपी का 120 से 139 होना और डिस्टोलिक बीपी का 80 से 89 होना प्री-हायपरटेंशन का संकेत है। उच्च रक्तएचाप को नियंत्रित रखिए।
लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एलडीएल या बैड कोलेस्ट्रा ल) 100 एमजी/डीएल के नीचे होना चाहिए। हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रॉरल) पुरुषों में 45 और महिलाओं में 55 एमजी/डीएल से अधिक होना चाहिए। यदि एलडीएल, उचित खान-पान, व्यायाम और ध्यान आदि करने के बाद भी 15 हफ्ते से ज्यादा है तो डॉक्टर से संपर्क कीजिए।