- Advertisement -
हमारा देश काफी तरक्की कर चुका है फिर भी ऐसे कई गांव हैं जहां पर अभी तक यातायात सुविधा नहीं पहुंच पाई है। आज भी वहां पर लोगों को पैदल ही सफर करना पड़ता है। राजस्थान (Rajasthan) के कोटपुतली (Kotputli) में ऐसा ही कुछ है। एक 61 वर्षीय डॉक्टर को जब ये पता चला कि गांव और आसपास की छात्राएं पैदल स्कूल व कॉलेज जाती हैं तो उन्होंने छात्राओं के लिए खुद के पैसों से एक बस खरीद ली। अब छात्राएं उसी बस से स्कूल-कॉलेज जाती हैं।
कोटपुतली राजस्थान के 61 वर्षीय डॉ. आर.पी. यादव ने महसूस किया कि उनके गांव और आसपास की लड़कियों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के अभाव में कई कि.मी. पैदल चलकर स्कूल-कॉलेज जाना पड़ता था.
यह देखकर उन्होंने अपने प्रॉविडेंट फंड से 19 लाख रुपए निकाले और लड़कियों को उनकी खुद की एक बस ख़रीद दी. pic.twitter.com/cZUkfbqgKf
— Awanish Sharan (@AwanishSharan) March 11, 2021
डॉ आरपी यादव ने महसूस किया कि उनके गांव में यातायात सुविधा की कमी के चलते छात्राओं को कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल-कॉलेज जाना पड़ता था। यह देखकर उन्होंने अपने प्रॉविडेंट फंड से 19 लाख रुपए निकाले और छात्राओं के लिए एक बस खरीद ली।
"देश हमें देता है सब कुछ,
हम भी तो कुछ देना सीखें ॥"इस ध्येय का अनुकरण करने वाले डॉ. यादव जी को हार्दिक साधुवाद🙏
— Sanjay Kumar, Dy. Collector (@dc_sanjay_jas) March 11, 2021
आईएएस ऑफिसर अवनीष शरण (IAS Officer Awanish Sharan) ने ये पोस्ट ट्विटर पर शेयर किया है। हालांकि ये खबर है पुरानी लेकिन फिर भी ये इन दिनों दोबारा वायरल हो रही है। आईएएस ऑफिसर अवनीष शरण के ट्वीट पर आईपीएस आर के विज ने रिएक्शन देते हुए लिखा, ‘नमन है ऐसी सख्शियत को।’
ऐसे ही लोगो से समाज में परिवर्तन होता है जो लड़कियों की शिक्षा को लेकर गंभीर होते है उन्हें ये पता है ये सब जानते है की अगर 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी भारत की करनी है तो महिलाओं को हर क्षेत्र में विकसित करना होगा
— Ratnesh (@Ratnesh34189898) March 11, 2021
आईएएस ऑफिसर अवनीष शरण की पोस्ट को करीब सात हजार लोग लाइक कर चुके हैं और हजारों रिट्वीट भी किए जा चुके हैं। सोशल मीडिया पर लोग डॉक्टर आरपी यादव की खूब तारीफ कर रहे हैं और काफी अच्छे कमेंट उनके लिए कर रहे हैं।
नमन है इनको। जो बच्चियों के लिए कुछ करे पूजनीय हो जाता है-ज्योतिबा फुले और सवित्रि बाई फुले का नाम हम लोग पढ़ा करते हैं-वो इतिहास में सुनहरे अक्षरों में हैं-
इन्होंने अपनी क्षमता अनुसार जो कुछ भी किया सराहनीय है और हमें प्रेरणा प्रदान करता है। करने को बहुत कुछ है-और करेंगे।— उमेश यादव (गर्व से आंदोलनजीवी) (@YaduvanciUmesh) March 11, 2021
- Advertisement -