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एक अनोखा मंदिर, यहां लगाया जाता है भगवान को चॉकलेट का भोग
हमारा देश अलग-अलग संस्कृति व विविधता लिए हुए हैं। हमारे देश के लोगों में भगवान के प्रति असीम आस्था व श्रद्धा है। यहीं कारण है कि हर राज्य व शहर में देवी देवताओं के ऐसे मंदिर मिलेंगे जो अपनी मान्यता व विशेषता के लिए प्रसिद्ध है। कहते हैं कि भगवान को भोग लगाने से वह प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। इसी लिए भगवान को नारियल, खीर, लड्डू, मिठाई व फलों का भोग लगाया जाता है। लेकिन हमारे देश में एक ऐसा मंदिर भी मौजूद है जहां भगवान को लड्डुओं का नहीं, बल्कि चॉकलेट का भोग लगता है। चलिए आज हम उस मंदिर के बारे में आप को बताते हैं।
केरल के अलेप्पी में है भगवान मुरुगन का मंदिर
देश के दक्षिण राज्य केरल के अलेप्पी में एक ऐसा मंदिर है, जहां भगवान को चॉकलेट का भोग लगाया जाता है। अलेप्पी को भारत का वेनिस कहा जाता है। यहां पर थेक्कन पलानी बालसुब्रमण्यम मंदिर एक ऐसा अनोखा मंदिर है जिसमें प्रसाद के तौर पर चॉकलेट का उपयोग किया जाता है। इस मंदिर में भगवान मुरुगन स्थित हैं और उनके दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। भगवान मुरुगन को चॉकलेट का भोग चढ़ाया जाता है और फिर यह चॉकलेट भक्तों में प्रसाद के तौर पर बांटी जाती है।
केरल में मुरुगन के नाम से जाना जाता है कार्तिकेय को
थेक्कन पलानी बालसुब्रमण्यम मंदिर में भगवान मुरुगन का पूजन किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को केरल में मुरुगन के नाम से जाना जाता है। थेक्कन पलानी बालसुब्रमण्यम मंदिर में कार्तिकेय के बालरूप का पूजन किया जाता है। बालरूप होने के कारण ही शुरुआत में बच्चे मंदिर में चॉकलेट चढ़ाया करते थे। लेकिन धीरे-धीरे बड़ों ने भी भगवान मुरुगन को चॉकलेट का प्रसाद चढ़ाना शुरू कर दिया।
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