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कभी पिता ने मारे थे आतंकी, अब पुलिस ने उसी के बेटे को ‘आतंकी’ बताकर मार दिया
Last Updated on November 18, 2021 by admin
नई दिल्ली। एक वक्त था जब जब अब्दुल लतीफ मागरे हीरो हुआ करते थे। उन्होंने साल 2005 मे पत्थर से पीट पीटकर एक आतंकी को मौत के घाट उतार दिया था। जिसके लिए उन्हें भारतीय सेना (Indian Army) की तरफ से सम्मान भी मिला था। लेकिन अब जो खबर सामने आ रही है वह हिला देने वाली है।
दरअसल, सोमवार को सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच हैदरपोरा एनकाउंटर में पुलिस ने जिन चार लोगों को मार गिराया था, उसमें अब्दुल लतीफा मागरे का बेटा आमिर भी था। आज मागरे अपने बेटे की मौत पर पुलिसिया प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने सरकार व प्रशासन से पूछा कि उनके बेटे की क्या गलती थी, जिस कारण उसे गोली मार दी गई। अब्दुल लतीफ मागरे के इस सवाल पर जेएंडके पुलिस ने साफ कर दिया है कि मारे गए चारों युवक आतंकियों के सहयोगी थे।
इधर, अब्दुल लतीफ मागरे ने दावा किया है कि उनका बेटा आमिर निर्दोष था। लतीफ के अनुसार उनका बेटा श्रीनगर में एक दुकान में काम करता था। लतीफ का कहना है कि आमिर के शव को अब तक प्रशासन ने नहीं सौंपा है। बेटे की मौत से दुखी पिता ने कहा कि एक समय था, जब मैं खुद आतंकियों के खिलाफ था। मैंने खुद गोलियां खाई हैं। मेरा परिवार विस्थापित है।
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इसपर पुलिस ने जवाब में कहा कि इसका मतलब ये नहीं हो जाता है कि आपका बेटा निर्दोष था। वह आतंकियों का साथ दे रहा था। गौरतलब है कि साल 2005 में अब्दुल लतीफ मागरे ने एक आतंकी को पत्थर से मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद उन्हें सेना की ओर से सम्मानित भी किया गया था।
वहीं, हैदरपोरा की घटना को लेकर पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुठभेड़ को लेकर मंगलवार को न्यायिक जांच की मांग की थी। उन्होंने कहा, ‘यह देखकर दुख होता है कि आपने (पुलिस ने) आतंकवादियों से लड़ते हुए नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।’
Using innocent civilians as human shields, getting them killed in cross firing & then conveniently labelling them as OGWs is part of GOIs rulebook now. Imperative that a credible judicial enquiry is done to bring out the truth & put an end to this rampant culture of impunity. https://t.co/QOJonQ0kyS
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 16, 2021
बता दें कि श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में सोमवार देर शाम हुई मुठभेड़ में एक पाकिस्तानी आतंकवादी और उसके स्थानीय सहयोगी मारे गए। इसके एक डॉक्टर भी शामिल था। पुलिस ने डॉक्टर को ‘आतंकी सहयोगी’ बताया है. हालांकि, परिवार वाले ऐसा नहीं मानते हैं।