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कृषि विवि में स्नातक की बढ़ी फीस से ABVP तल्ख, Self Finance की सीटें हो कम
Last Updated on April 23, 2020 by Deepak
शिमला। एबीवीपी (ABVP) ने कृषि स्नातक की बढ़ी फीस को वापस लेने और सेल्फ फाइनेंस की सीट कम करने को आवाज बुलंद की है। चेतावनी दी है कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो सरकार और कृषि विश्वविद्यालय (Agriculture University Palampur) के खिलाफ आंदोलन करने से गुरेज नहीं किया जाएगा। इस मांग को लेकर एबीवीपी ने सीएम जयराम ठाकुर को पिछले कल ज्ञापन भी सौंपा है। कल यानि 24 अप्रैल को राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा जाएगा। एबीवीपी का कहना है कि चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्विद्यालय पालमपुर में लगातार फीस में बढ़ोतरी जारी है। एप्लीकेशन फीस जनरल और एसएफएस दोनों फॉर्म की मिलाकर 3100 से बढ़ाकर 4000 कर दी गई है। कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कृषि स्नातक की 120 सीटें हैं, जिसमें से 20 सीटें जनरल वर्ग के लिए हैं और 49 सीटें आरक्षित वर्ग की हैं। इसके अलावा 51 सीटें सेल्फ फाइनेंस की हैं। सेल्फ फाइनेंस सीटों का प्रति सेमेस्टर खर्च 79480 से भी ऊपर चला जाता है और नॉन सेल्फ फाइनेंस सीटों का 39,480 है। पहले भी कई बार प्रशासन को अवगत कराया गया है। अत्याधिक फीस के कारण कई विद्यार्थी कृषि शिक्षा से वंचित रह रहे हैं, लेकिन प्रसासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है।
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एबीवीपी के
प्रदेश मंत्री राहुल राणा ने बताया कि बिहार, हरियाणा व जूनागढ़ आदि किसी भी देश के कृषि विश्विद्यालय की इतनी अत्याधिक फीस नहीं है और ना ही इतनी ज्यादा सेल्फ फाइनेंस (Self Finance Seats) हैं। हिमाचल कृषि एवं बागबानी से जुड़ा प्रदेश है और दूसरी तरफ प्रदेश के छात्रों का कृषि संबंधित शिक्षा प्राप्त करने से वंचित रहने का कारण विश्विद्यालय में फीस बढ़ोतरी है।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् इस बढ़ी हुई फीस का पुरजोर विरोध करती है। विद्यार्थी परिषद का मानना है कि कृषि संबंधित शिक्षा सभी आम छात्रों के लिए उपलब्ध होनी चाहिए। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग करती है कि जल्द से जल्द इस बढ़ी हुई फीस को वापस लेकर सेल्फ फाइनेंस सीट्स को कम किया जाए।