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Monday Special: कोरोना संकट में हादसों में कम हुई मौतें, पर बाज ना आए नशा तस्कर
शिमला। हिमाचल में कोरोना (Corona) संकट के बीच हादसों में मरने वालों के ग्राफ में पिछले साल के मुकाबले कुछ कम आई है। पर कोरोना महामारी के बीच भी नशा तस्कर बाज नहीं आए हैं। इस दौरान भी नशे का खूब कारोबार हुआ है। हादसों की बात करें तो इस वर्ष अभी सात माह में अब तक 865 से अधिक हादसे हो चुके हैं। इसमें 320 के करीब लोगों ने जान गंवाई है। वहीं, 1285 लोग घायल (Injured) हुए हैं। अभी पांच माह इस वर्ष के शेष बचे हैं। वर्ष 2019 की बात करें तो 2897 सड़क हादसों में 1199 लोगों की मौत हुई थी। साथ ही 4737 लोगों को पूरी उम्र ना भूल पाने वाले जख्म मिले थे। 2018 में 3119 सड़क हादसे हुए थे और 1168 लोगों की मृत्यु हुई है। हादसों में 5444 लोग घायल हुए हैं। 2017 में हादसों का आंकड़ा भी 3119 रहा था। इसमें 1176 लोग घायल हुए थे।
एनडीपीसी एक्ट के तहत 825 से अधिक मामले दर्ज
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वहीं, हिमाचल में अब तक इस वर्ष एनडीपीसी एक्ट (NDPC Act) के तहत 825 से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। इसमें 178. 339 किलोग्राम से अधिक चरस, 8. 619 किलाग्राम से अधिक अफीम, चूरा पोस्ट 2413. 22 किलोग्राम से अधिक, पॉपी प्लांट करीब 233884, स्मैक 17.122 ग्राम, हेरोइन (Heroin) 2.593 किलोग्राम से अधिक, गांजा 26.115 किलोग्राम से अधिक, भांग के पौधे करीब 435104, कोकीन चार ग्राम व कैप्सूल करीब 16005, गोलियां लगभ 5067, सिरप 812 बोतल, इंजेक्शन 17 व ब्राउन पाउडर 96 ग्राम पकड़ी गई है। 2019 में 1439, 2018 में 1342 व 2017 में 1010 एनडीपीसी एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए थे। इसके अलावा वर्ष 2020 में अब तक एक्साइज एक्ट (Excise Act) के तहत 1700 से अधिक मामले पकड़े जा चुके हैं। वर्ष 2019 में 2916, 2018 में 2584 व 2017 में 2795 मामले दर्ज हुए थे।
अन्य मामलों का विवरण
हिमाचल में 30 जून तक 40 हत्या (Murder) के मामले दर्ज किए गए हैं। वर्ष 2019 में 70 और 2018 में 98 मामले दर्ज हुए थे। प्रदेश में अब तक हत्या के प्रयास के 40 से अधिक मामले रजिस्ट्रर हुए हैं। 2019 में 58, 2018 में 69 व 2017 में 66 मामले दर्ज हुए थे। इस वर्ष अब तक दुराचार के 150 से अधिक मामले पुलिस (Police) के पास पहुंचे हैं। 2019 में 358, 2018 में 345 व 2017 में 248 महिलाओं के साथ दुराचार हुआ था। महिलाओं के साथ ओवरऑल अपराध की बात करें तो अब तक 700 से अधिक मामले दर्ज हो चुके हैं। पिछले वर्ष 1638 मामले दर्ज हुए थे। 2018 में 1617 व 2017 में 1260 मामले दर्ज थे। चोरी के 200 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। पिछले साल की बात करें तो 477 व 2018 में 708 मामले दर्ज हुए थे। उक्त आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना संकट के बीच भी महिलाओं के साथ अपराध में कमी नहीं आई है।