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शिमला। किसान संघर्ष समिति सरकार से मांग की है कि विभिन्न बैरियरों पर एपीएमसी की ओर से किसानों व बागवानों से गैरकानूनी तरीके से ली जा रही मार्केट फीस का विरोध किया है तथा इस पर तुरन्त रोक लगाने की मांग की है। समिति का कहना है कि एपीएमसी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही जिन किसानों व बागवानों से ये मार्केट फीस वसूल की गई है उन्हें वापस लौटाई जाए।
किसान व बागवानों का कहना है कि जो सेब व अन्य उत्पाद प्रदेश की मंडियों से बाहर भेजे जाते हैं उनपर मार्केट फीस लेना गैर कानूनी है, क्योंकि एपीएमसी अधिनियम के तहत बागवानों से कोई भी मार्केट फीस नहीं ली जा सकती है और आढ़ती प्रदेश की जिस सब्जी मंडी में उत्पाद बेचता है वह 1 प्रतिशत मार्केट फीस एपीएमसी में जमा करवाता है। परन्तु विभिन्न बैरियरों पर एपीएमसी किससे मार्केट फीस एकत्र करती है, यह एक विचारणीय विषय है और सरकार इस पर जांच करवाएं।
किसान संघर्ष समिति बार-बार एपीएमसी व सरकार से मांग कर रही है कि किसी को भी बिना लाइसेंस के गैर कानूनी रूप से कारोबार करने की इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए परन्तु इस पर सरकार ने इस की तरफ कोई ध्यान ही नहीं दिया। इससे सरकार को राजस्व की हानि हो रही है और किसानों व बागवानों को भी आढ़तियों से शोषण व लूट का शिकार होना पड़ रहा है। इससे स्पष्ट हो जाता है कि सरकार व एपीएमसी किसानों व बागवानों के हितों की रक्षा करने के लिए संजीदा नहीं है। किसान संघर्ष समिति मांग करती है कि किसानों व बागवानों से गैर कानूनी तरीके से वसूली जा रही मार्केट फीस पर तुरंत रोक लगाई जाए तथा जिन किसानों व बागवानों से यह फीस वसूली गई है उन्हें तुरंत वापस लौटाई जाए।
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