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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राजीव गांधी की हत्या के दोषी पेरारीवलन को मिली रिहाई
Last Updated on May 18, 2022 by Vishal Rana
सुप्रीम कोर्ट ने देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन को बुधवार को रिहा करने का आदेश दिया। जस्टिस एल नागेश्वर राव की अगुवाई वाली पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 9 अप्रैल, 2022 को उसकी जमानत याचिका मंजूरी की थी।
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेरारिवलन की दया याचिका तमिलनाडु के राज्यपाल और राष्ट्रपति के बीच फंसी है। पेरारिवलन ने दिसंबर 2015 में तमिलनाडु के राज्यपाल के समक्ष दया याचिका पेश की थी। 11 मई, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने पेरारिवलन की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
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पेरारिवलन करीब 31 साल जेल में रह चुका है। तमिलनाडु सरकार ने सितंबर 2018 में पेरारिवलन की रिहाई की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल ने दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेज दी थी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल को दया याचिका राष्ट्रपति के पास भेजने का अधिकार नहीं है। पीठ ने साथ ही ये भी कहा था कि पेराविलन 31 साल जेल में बिता चुका है और अदालत ने पहले भी 20 साल से अधिक की सजा भुगतने वाले उम्र कैदियों के पक्ष में फैसले सुनाए हैं। इस मामले में भी कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
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केंद्र सरकार के वकील ने तब तर्क दिया था कि राष्ट्रपति निर्णय करेंगे कि राज्यपाल उन्हें दया याचिका भेज सकते हैं या नहीं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्पष्ट किया था कि वे इस मामले में सुनवाई करेगा और राष्ट्रपति के फैसले का उसकी सुनवाई पर कोई असर नहीं होगा। गौरतलब है कि राजीव गांधी की हत्या तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में 21 मई, 1991 को आत्मघाती हमले में की गई थी।
–आईएएनएस