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मुंबई/शिमला: एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के मुंबई स्थित दफ्तर पर बीएमएसी (BMC) द्वारा तोड़फोड़ मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने अहम फैसला सुनाया है. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि बीएससी ने अधिकारों का दुरुपयोग किया है. अदालत ने यह भी कहा कि अदालत किसी भी नागरिक के खिलाफ प्रशासन को ‘बाहुबल’ का उपयोग करने की मंजूरी नहीं देता है.
साथ ही कोर्ट ने नुकसान की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराए जाने का आदेश दिया है, ताकि मुआवजा राशि निर्धारित की जा सके. अदालत ने कहा, ‘मूल्यांकन अधिकारी मार्च 2021 तक मुआवजे पर उचित आदेश पारित करेगा.’ अदालत ने अवैध निर्माण (Illegal construction) के बीएमसी के नोटिस को भी रद्द कर दिया है. बॉम्बे उच्च न्यायालय ने कहा कि बीएमसी द्वारा अभिनेत्री कंगना रनौत के बंगले के हिस्से को ध्वस्त करने की कार्रवाई द्वेषपूर्ण कृत्य था.
बता दें कि बीएमसी ने 9 सितंबर को कंगना के ऑफिस के कुछ हिस्से को अवैध बताते हुए तोड़फोड़ की थी. बाद में कोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. मुंबई स्थित ऑफिस में बीएमसी द्वारा की गई तोड़फोड़ के खिलाफ कंगना ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. 5 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
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