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Shimla में मजदूरों को राशन ना देने के आरोपों को प्रशासन ने नकारा
शिमला। राजधानी शिमला (Shimla) में मजदूरों (laborers) को राशन ना देने के आरोपों को शिमला जिला प्रशासन सिरे से नकार दिया। प्रशासन का दावा है कि शिमला जिला में 20 हजार लोगों को राशन दिया जा रहा है, जबकि शहर में 7500 जरूरतमंदों को राशन मुहैया करवाया जा रहा है। शिमला डीसी (DC Shimla) अमित कश्यप ने कहा कि जिला में पर्याप्त मात्रा में राशन है और 7 एनजीओ शहर में राशन का वितरण कर रही हैं, जिसमें गुरु सिंह सभा पक्का हुआ खाना दे रही है, जबकि अन्य एनजीओ हर रोज शहर में मजदूरों और जरूरतमंदों को राशन दे रही हैं।
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जिला में जहां से भी राशन की मांग आ रही है, उन्हें उसी वक्त राशन पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जामा मस्जिद के मजदूरों से कई बार बैठक हुई और लोग उनसे मिलने भी आए उन्हें राशन दिया जा रहा है, लेकिन वे अपने राज्य जाना चाह रहे हैं और उन्हें जाने की अनुमति सरकार दे सकती है। इन लोगों को पक्का हुआ खाना देने का ऑफर भी दिया गया था, लेकिन इन लोगों ने लेने से मना किया गया है। अमित कश्यप ने कहा कि जिला प्रशासन कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और लोगों को जरूरी वस्तुओं को खरीदने के लिए हर रोज तीन घंटे की छूट दे रहा है।
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