- Advertisement -
Administrative Tribunal : मंडी। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने दोषी करार दिए गए पुलिस कर्मी को सभी सेवा संबंधी लाभ देने का फैसला सुनाया है। ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष वीके शर्मा ने प्रदेश के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को निर्देश देते हुए हत्या के मामले में बर्खास्त पुलिस कर्मी खुशी राम को सभी सेवा संबंधी लाभ ब्याज सहित देने को कहा है। अधिवक्ता संत राम बद्धन के माध्यम से ट्रिब्यूनल में दायर याचिका के अनुसार खुशी राम जनवरी 1983 में बल्ह थाना में बतौर पुलिस कर्मी तैनात था। इसी दौरान थाना में शेरू नामक एक आरोपी की हत्या हो गई थी। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज करके 15 आरोपियों को नामजद किया था, जिनमें से चार आरोपियों को जिला एवं सत्र न्यायलय ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी, जबकि खुशी राम समेत 11 अन्य आरोपियों को चार साल कारावास और तीन हजार रुपये जुर्माने की सजा हुई थी।
उम्रकैद के दोषियों का फैसला उच्च न्यायलय और सुप्रीम कोर्ट ने अपीलों में बरकरार रखा था। जबकि खुशी राम सहित 11 अन्य आरोपियों की अपीलों में उच्च न्यायालय ने फैसला बरकरार रखा था। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने अपीलों को आंशिकरूप से स्वीकारते हुए उक्त 11 आरोपियों द्वारा काट ली गई सजा का फैसला सुनाया था। फैसला आने के बाद विभाग ने खुशी राम व अन्य आरोपियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया था और उन्हें सेवा संबंधी लाभों से वंचित कर दिया था, जिसके चलते याचिकाकर्ता ने ट्रिब्यूनल में याचिका दायर करके सेवा संबंधी लाभ देने की मांग की थी।
यह भी पढ़ें : ट्रिब्यूनलः HRTC सेवानिवृत्त मैकेनिक से Recovery आदेश निरस्त
ट्रिब्यूनल ने फैसले में कहा कि विभाग की ओर से इस मामले में दोषी करार दिए गए अन्य सभी आरोपियों को पेंशन व करूणामूलक भत्ते पहले ही दे दिए हैं। जबकि याचिकाकर्ता को यह लाभ नहीं दिए गए हैं। ट्रिब्यूनल ने कहा कि सीसीएस (पेंशन) नियमों की धारा 41 के तहत याचिकाकर्ता को करूणामूलकभत्ता दिया जाना चाहिए। ऐसे में ट्रिब्यूनल ने विभाग को याचिकाकर्ता के पक्ष में 6 प्रतिशत ब्याज दर सहित सेवा संबंधी जारी करने का फैसला सुनाया है।
- Advertisement -