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40 दिन बाद हाईवोल्टेज ड्रामे के साथ चैलचौक के रेस्ट हाउस से निकली महिला
गोहर/संजीव कुमार। 40 दिनों तक फॉरेस्ट रेस्ट हाउस (Forest Rest House) चैलचौक के सेट नंबर 1 पर कब्जा करके बैठी रही महिला आज हंगामे के साथ रेस्ट हाउस से निकल गई। महिला (Women) को समझाने-बुझाने में स्थानीय लोगों और मीडिया कर्मियों का अहम योगदान रहा। वन विभाग और गोहर थाना पुलिस (Gohar Police) की टीम मौके पर पहुंची लेकिन महिला ने रेस्ट हाउस के कमरे से निकलने का नाम नहीं लिया और वीडियो रिकॉर्डिंग करके इन्हें डराने-धमकाने लग गई। मीडिया कर्मियों के साथ इस महिला ने सलीके से बात की और उनकी बात को माना।
कभी कांगड़ा तो कभी दिल्ली में बता रही घर
महिला ने अपना नाम संगीता डोगरा बताया और खुद को कांगड़ा (Kangra) जिला के पंचरूखी की रहने वाली बताया। लेकिन यह भी बताया कि वह दिल्ली में रहती है और उसके पिता सेना से रिटायर अधिकारी हैं। महिला ने मीडिया कर्मियों के साथ जिस तरह की बातें की उससे यही लगा कि यह महिला मानसिक रूप से परेशान (Mentally Disturbed) है। क्योंकि महिला कभी आतंकी गतिविधियों की बात कर रही थी तो कभी राजनैतिक गतिविधियों की। लेकिन यह बातें भी ऐसी थी कि जिसे सुनकर कोई भी विश्वास न करे। जब महिला यहां से जाने लगी तो उस वक्त महिला ने कुछ ऐसा कहा जो सुनने में बड़ा अजीब और अटपटा सा लगा।
20 हजार बिल देने से महिला ने किया मना
वन विभाग और पुलिस ने महिला के यहां से चले जाने पर राहत की सांस ली। क्योंकि यह महिला इनके लिए सिरदर्द बन चुकी थी। जाते-जाते महिला स्थानीय फॉरेस्ट गार्ड (Forest Guard) को भी जमकर भला-बुरा कह गई। 40 दिनों तक रहने का बिल 20 हजार बना था जिसे महिला ने देने से इनकार कर दिया और अब इसकी भरपाई फॉरेस्ट गार्ड द्वारा की जाएगी। लेकिन इन्होंने इस बात का संतोष मनाया कि महिला यहां से चली गई है। फॉरेस्ट गार्ड कुसुम कुमार ने इसके लिए सभी का आभार जताया। रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर खेम चंद ने बताया कि जो बिल बना है उसकी भरपाई विभागीय कर्मियों द्वारा की जाएगी। एएसआई गोहर अजय कुमार ने बताया कि रेस्ट हाउस के कमरे को खाली करवा दिया गया है।
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