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Article 370 हटने के बाद कश्मीर के हालात देखने पहुंचा विदेशी राजनयिकों का दूसरा दल
Last Updated on February 12, 2020 by Deepak
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से अनुच्छेद 370 (Article 370) हटने के बाद कश्मीर के हालात देखने के लिए विदेशी राजनयिकों (Foreign diplomats) के दूसरे दल ने बुधवार को कड़ाके ठंड और घने बादलों के बीच अपनी आधिकारिक कश्मीर यात्रा शुरू की। ये राजनयिक यहां स्थानीय मीडिया, सिविल सोसायटी के लोगों और व्यापारियों से मुलाकात करेंगे।
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कनाडा, ऑस्ट्रिया, उज्बेकिस्तान, युगांडा, स्लोवाक रिपब्लिक, नीदरलैंड्स, नामीबिया, किर्गिज रिपब्लिक, बुल्गारिया, जर्मनी, ताजिकिस्तान, फ्रांस, मैक्सिको, डेनमार्क, इटली, अफगानिस्तान, न्यूजीलैंड, पोलैंड और रवांडा व अन्य के 25 राजनयिकों वाले दल में शामिल अफगान राजनयिक ताहिर कादरी ने कहा, ‘एयरपोर्ट से शहर तक हमारे रास्ते में स्कूल और दुकानें खुली हुई थीं।’ गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे प्रतिनिधिमंडल (Delegation) ने सबसे पहले शिकारों में बैठकर डल झील की सैर की। इस दौरान उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ा। वहीं मौसम के खराब मिजाज के चलते विदेशी राजनयिकों के बारामुला जाने का कार्यक्रम टालना पड़ा।
Hope you & @EU_in_India question GOI about
•Internet ban since 5th August & economic losses suffered
•GOI muzzling local media in Kashmir
•release of detainees inc 3 ex CMs slapped with draconian PSA
•troop deployment to create fear amongst people
Normalcy’s an illusion https://t.co/Jn7lPCdFtj— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 12, 2020
वहीं इस दौरे के बारे में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की चीफ महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) की बेटी इल्तिजा मुफ्ती (Iltija Mufti) ने ट्वीट किया, ‘उम्मीद है कि 5 अगस्त से इंटरनेट पर प्रतिबंध और आर्थिक घाटे के बारे में आप सब (विदेशी राजनयिक) भारत सरकार से सवाल करेंगे। भारत सरकार ने कश्मीर में स्थानीय मीडिया पर पाबंदी लगा दी है, लोक सुरक्षा कानून के तहत तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों की रिहाई पर रोक है, लोगों के बीच भय पैदा करने के लिए सैनिकों की तैनाती की गई है। सामान्य स्थिति केवल एक भ्रम है।