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कोरोना वायरस (Coronavirus)के खौफ के बीच वर्षों बाद पक्षियों की चहचहाहट सुनाई देने लगी है। इसका कारण कुछ और नहीं बल्कि सड़कों पर वाहनों की आवाजाही का ना के बराबर होना है। इसी वजह से प्रदूषण (Pollution)का स्तर भी नीचे की तरफ आ गया है। हिमाचल जैसे शांत कहे जाने वाले पहाड़ी राज्य में भी वाहनों (Vehicles) की आवाजाही के बीच पक्षियों की चहचहाहट कम ही सुनाई पड़ती थी,लेकिन इन दिनों इन्हें सुना जा सकता है। इसी तरह बड़े शहरों में भी पक्षियों की चहचहाहट की आवाजे इन दिनों सुनाई दे रही हैं।
चंडीगढ जैसी अति व्यस्त कही जाने वाले ट्राईसिटी में प्रदूषण का स्तर 50 प्वाइंट से भी नीचे की तरफ आ गया है। बताया जा रहा है कि बीते सप्ताह ये 80 प्वाइंट के करीब था। सर्दियों में तो ये 400 प्वाइंट भी पार कर जाता है। इसका कारण यही रहता है कि वाहनों की आवाजाही बढ़ने के साथ ही इसका स्तर बढ़ता रहता है। इसके बढ़ने के साथ ही पक्षियों की आवाजें दब जाती हैं। इन दिनों खूब सुनाई पड़ रही हैं पक्षियों के चहचहाने की आवाजें।
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