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चंडीगढ़। केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी अकाली दल (Akali Dal) ने दिल्ली हिंसा (Delhi Violence) के मसले पर बड़ा बयान दिया है। अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) ने दिल्ली हिंसा को बहुत बड़ी बदकिस्मती बताते हुए सेकुलरिज्म, सोशलिज्म और डेमोक्रेसी को लेकर सवाल उठाए। बदल ने कहा कि अमन-शांति के साथ रहना बहुत जरूरी है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए बादल ने कहा कि हमारे देश के विधान में तीन चीजें लिखी हैं,
जो सेकुलरिज्म, सोशलिज्म और डेमोक्रेसी। यहां ना तो सेकुलरिज्म (Secularism) है, ना ही सोशलिज्म (Socialism) है। अमीर, अमीर होता जा रहा है गरीब, गरीब होता जा रहा है। डेमोक्रेसी भी सिर्फ दो स्तर पर ही रह गई है, एक लोकसभा इलेक्शन और दूसरा स्टेट इलेक्शन, बाकी कुछ नहीं।
अकाली दल के नेता नरेश गुजराल ने लिखा था शाह को पत्र
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली हिंसा के मसले पर पूर्व पीएम इंद्रकुमार गुजराल के बेटे और अकाली दल के नेता नरेश गुजराल (Naresh Gujral) ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पत्र लिखकर दिल्ली पुलिस की उदासीनता पर सवाल उठाए थे। उन्होंने अपने पत्र में कहा था कि मैं 1984 को फिर से होता हुआ नहीं देखना चाहता हूं। मुझे दिल्लीवाला होने पर गर्व है। पिछली बार ये सिख थे और इस बार ये मुसलमान हैं। दुर्भाग्य से हर बार अल्पसंख्यक समुदाय ही हमले की चपेट में है। 1984 में सिख विरोधी दंगे हुए थे। उस दौरान कई हजारों लोगों की जान गई थी। नरेश गुजराल ने अपने खत में लिखा, ‘मैंने फोन पर एक घर में फंसे 16 मुस्लिमों की जानकारी दी और ऑपरेटर को बताया कि मैं संसद सदस्य हूं। 11:43 बजे, मुझे दिल्ली पुलिस से पुष्टि मिली कि मेरी शिकायत संख्या 946603 के साथ प्राप्त हुई। हालांकि मुझे निराशा हुई जब मेरी शिकायत पर कोई कार्रवाई हुई और उन 16 व्यक्तियों को दिल्ली पुलिस से कोई सहायता नहीं मिली।’
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