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शिमला। सीएम वीरभद्र सिंह के साले अरुण सेन के बेटे आकांक्ष सेन की हत्या के मामले में जहां सीएम पहले खुद ही एसआईटी गठित करने की बात कह चुके हैं,अब उनका कहना है कि पहले पुलिस मामले को ट्विस्ट देने की कोशिश कर रही थी, लेकिन अब संभवतः जांच सही दिशा में हो रही है। हालांकि, अपने चंडीगढ़ में दिए बयान को देहराते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा है कि यदि अब भी जांच ठीक दिशा में न चली तो वे एसआईटी गठित करने की मांग उठाएंगे। वे खुद इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखेंगे। उनका मानना है कि आकांक्ष का किसी भी लड़ाई झगड़े से कुछ भी लेना-देना नहीं था। सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक मुलाकात में वीरभद्र सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जांच ठीक दिशा में चलेगी, यदि ऐसा नहीं हुए तो वे इस मामले को उचित स्तर पर उठाएंगे।
उनका कहना था कि इस घटना के बाद पुलिस के पास जिन दो युवकों के नाम आए हैं, उनमें से एक प्रभावशाली परिवार से संबंधित बताया जा रहा है। ऐसे में लगता है कि पुलिस इस मामले में दबाव में काम कर रही है। इसलिए शायद पहचान होने के बावजूद अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि आकांक्ष का लड़ाई झगड़े से कोई लेना देना नहीं था। वह तो झगड़े में शामिल भी नहीं था। वह तो झगड़ा करने वालों को छुड़ा रहा था।
याद रहे कि आकांश सेन की चंडीगढ़ में शुक्रवार को मौत हो गई थी। चंडीगढ़ में वीरवार को सेक्टर-9 में एक बीएमडब्ल्यू कार ने उनके सिर को कुचल दिया था। बताते हैं कि बीएमडब्ल्यू कार का टायर युवक के सिर पर से गुजरा था। इस घटना के बाद चालक फरार हो गया था। पुलिस में दर्ज शिकायत में परिजनों ने आकांक्ष सेन पर जानबूझ कर गाड़ी चढ़ाने की शिकायत दी है।
आकांक्ष सेक्टर-9 में ही रहता था और उसी सेक्टर में उसका एक दोस्त शेरा भी रहता है। रात को वह शेरा के पास ही रुका था। सुबह वह अपने अन्य दोस्तों के साथ शेरा के घर से अपने घर जा रहा था। घटना के वक्त उसका एक दोस्त भी मौके पर मौजूद था।
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