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UN में India के स्थाई प्रतिनिधि अकबरुद्दीन आज रिटायर; टीएस तिरुमूर्ति लेंगे जगह
Last Updated on April 30, 2020 by
नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भारत के स्थाई प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन (Syed Akbaruddin) का आज इस पद पर काम करने का आखिरी दिन है। पिछले कुछ सालों में, अकबरुद्दीन भारतीय डिप्लोमेसी के सबसे जाने-पहचाने चेहरों में से एक रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के तौर पर उन्होंने ट्विटर पर डिप्लोमेसी को नई धार दी। अकबरुद्दीन ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वह संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेश से ‘नमस्ते’ करते हुए दिख रहे हैं। गौरतलब है कि अकबरुद्दीन को नवंबर 2015 में इस पद पर नियुक्त किया गया था।
Time to bow out, with the usual🙏🏽 pic.twitter.com/BM6m7j7qQW
— Syed Akbaruddin (@AkbaruddinIndia) April 30, 2020
उन्होंने कहा, ‘जाने से पहले मेरी एक गुजारिश है। भारतीय परंपरा में जब हम मिलते हैं या विदा लेते हैं तो हम ‘हैलो’ नहीं कहते, ना ही हाथ मिलाते हैं। बल्कि हम नमस्ते करते हैं। इसलिए मैं खत्म करने से पहले आपको नमस्ते करना चाहता हूं। अगर आप भी ऐसा कर सकें तो मैं अपने एक साथी से फोटो लेने को कहूंगा।’ इसके बाद उन्होंने हाथ जोड़े और UN चीफ से विदा ली। इससे पहले अनुभवी राजनयिक टीएस तिरुमूर्ति (TS Tirumurthy) को बुधवार को संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थाई प्रतिनिधि नियुक्त किया गया। वह फिलहाल विदेश मंत्रालय में सचिव पद पर कार्यरत हैं। भारतीय विदेश सेवा के 1985 बैच के अधिकारी तिरुमूर्ति न्यूयॉर्क में सैयद अकबरुद्दीन की जगह लेंगे।
बता दें कि सैयद अकबरुद्दीन कई साल से यूएन के इस वैश्विक मंच पर तमाम मुद्दों पर देश का रुख सफलतापूर्वक रखा। अपने कार्यकाल में कई मौकों पर उन्होंने अपने तर्कों से पाकिस्तान को चारों खाने चित किया। वो पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए विख्यात हो चुके हैं। चाहे वो कश्मीर का मुद्दा हो, धारा 370 का मामला, आतंकवाद का मुद्दा हो या फिर अलपसंख्यकों का, अकबरुद्दीन ने हर बार पाकिस्तान को मात दी। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को यूएन की ओर से ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने में अकबरुद्दीन ने अहम भूमिका निभायी। चीन लगातार भारत की कोशिशों में अड़ंगा डाल रहा था मगर अकबरुद्दीन ने हार नहीं मानी। इसके अलावा, वैश्विक मंच पर चीन की तरफ से कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिशों को भी अकबरुद्दीन ने फेल किया।