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#BirdFlu_Alert: हिमाचल के इस जिला में बिना जांच डिस्पोज नहीं होगा कोई मृत पक्षी या पशु
Last Updated on January 7, 2021 by Sintu Kumar
नाहन। जिला दंडाधिकारी सिरमौर डॉ.आरके परूथी ने आज आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 34 एम के पशुपालन विभाग वन विभाग व वाइल्ड लाइफ के अधिकारियों को विशेष रूप से पक्षियों के व्यवहार पर नजर बनाए रखने के आदेश जारी कर दिए हैं। जारी आदेशों के तहत अगर कोई पक्षी या पशु की अस्वाभाविक डेथ (Unnatural Death) दिखाई देती है तो उसे बगैर जांच के डिस्पोज नहीं किया जाएगा। इसके साथ-साथ पंख नुमा पक्षियों को ना खाए जाने की भी हिदायत दी गई है। उन्होंने बताया कि केरल, राजस्थान (Rajasthan) व मध्य प्रदेश के बाद हिमाचल (Himachal) चौथा ऐसा राज्य बन गया है, जहां बर्ड फ्लू की पूष्टि की गई है, जिसके बाद जिला में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए संबंधित विभागों के सहयोग से रैपिड रिस्पांस टीम (Rapid Response Team) का गठन किया गया है। उन्होंने आदेश जारी करते हुए पशु चिकित्सक सचिन बिन्द्रा को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। डॉ. परूथी ने बताया कि रेणुका, पांवटा साहिब क्षेत्र में पड़ोसी राज्यों से प्रवासी पक्षियों के आवागमन को देखते हुए जिला वासियों से सतर्क रहने की अपील की है।
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उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (H5N1) की वजह से होता है। ये एक वायरल इंफेक्शन है जो संक्रमित पक्षियों के संपर्क में 1आने वाले अन्य पक्षियों, जानवरों और इंसानों में फैलता है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू (Bird flu) नाम की बीमारी संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव, मुंह के लार या आंखों से निकलने वाली पानी के संपर्क में आने से फैलती है। इसके अलावा संक्रमित जगहों को छूने, संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने, कच्चा या अधपका मुर्गा-अंडा खाने वाले या संक्रमित मरीजों की देखभाल करने वाले लोगों को बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ जाता है। यह वायरस संक्रमित पक्षियों के संपर्क में आने वाले जानवर और मनुष्यों में आसानी से फैल जाता है। यह वायरस इतना खतरनाक है कि इससे मौत तक हो सकती है।
उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू लक्षणों पर जानकारी देते हुए कहां कि बर्ड फ्लू होने पर कफ, डायरिया, बुखार, सांस से जुड़ी दिक्कत, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, पेट दर्द, उल्टी, निमोनिया गले में खराश, नाक बहना, बेचौनी व आंखों में इंफेक्शन जैसी समस्या हो सकती है। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू से बचाव के लिए हाथों को 15 सेकेंड तक धोएं या सैनिटाइज का इस्तेमाल करें। पोल्ट्री फार्म में काम करने के लिए डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनें और इस्तेमाल के बाद इन्हें नष्ट कर दें। छींकने या खांसने से पहले मुंह को अच्छे से ढक लें। भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।