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नई दिल्ली। दुनिया के दो शक्तिशाली देशों अमेरिका (America) और चीन (China) के बीच छिड़ी ट्रेडवार (Trade War) थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा अपडेट के मुताबिक अब अमेरिका ने चीन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए साल 1994 के बाद पहली बार चीन को मुद्रा में हेर-फेर करने वाला देश (country of currency manipulation) करार दिया है। अमेरिकी ट्रेज़री मंत्री स्टीवन मंचिन ने कहा कि चीन से मिल रही अनुचित प्रतियोगिता समाप्त करने के लिए अमेरिका अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ मिलकर काम करेगा। बता दें कि चीन ने युआन को करीब एक दशक में 7 युआन/डॉलर तक कमज़ोर किया है।
बताया जा रहा है कि अमेरिका के इस फैसले का असर भारत समेत दुनिया भर के कई सारे देशों पर भी पड़ेगा। अमेरिका ने चीन पर इस बात का आरोप लगाया है कि चीन व्यापार लाभ के लिए अपनी करेंसी युआन का इस्तेमाल करता है। बता दें कि इससे पहले 1994 में अमेरिका ने चीन पर इस तरह की कार्रवाई की थी। गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अक्सर चीन पर निर्यात को बढ़ावा देने के लिए अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करने का आरोप लगाते रहे हैं। अब बताया जा रहा है कि अमेरिका के चीन को करेंसी मैनिपुलेटर घोषित करने की वजह से अब दुनिया की टेंशन बढ़ गई है। ऐसे में भारत समेत अन्य देशों को चीन या अमेरिका से कोई सामान आयात करने पर पहले के मुकाबले अधिक कीमत चुकानी पड़ेगी।
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