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चीन से बोला अमेरिका 11th Panchen Lama को करो रिहा, दुनिया को बताया जाए कहां हैं वह
Last Updated on May 16, 2020 by saroj patrwal
कोविड-19 के बीच ही अमेरिका ने चीन से तिब्बती समुदाय के दूसरे नंबर के धर्म प्रमुख 11वें पंचेन लामा (11th Panchen Lama) को रिहा करने की बात कही है। अमेरिका ने कहा है कि दुनिया को बताया जाए कि छह वर्ष की उम्र से गुमशुदा चल रहे पंचेन लामा आखिर हैं कहां। इसके साथ ही अमेरिका (America) ने ये भी कहा है कि आज गुमशुदगी के बीच धर्मगुरू पंचेन लामा गेधुन चोयकी नीमा 31साल के हो चुके हैं,उन्हें रिहा करने के लिए वह चीनी प्राधिकारियों (Chinese authorities) पर दबाव डालते रहेंगे।
चीन को नहीं है दलाई लामा नियुक्त करने का अधिकार
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमेरिका के विशेष दूत सैम ब्रॉउनबैक (Sam Brownback) ने एक सम्मलेन के दौरान पत्रकारों से कहा, पंचेन लामा कहां हैं,इसके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। और हम पंचेन लामा को रिहा करने का दबाव चीनी प्राधिकारियों पर डालते रहेंगे। दुनिया को बताया जाए कि वह कहां हैं। ब्राउनबैक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन अगला दलाई लामा (Dalai Lama) नियुक्त करने के अधिकार में बारे में लगातार बात करता रहता है, जबकि उसे ऐसा करने का अधिकार नहीं है। इसी बीचए अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर काम करने वाले अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने विदेश मंत्रालय से पुन: मांग की है कि वह तिब्बती मामले के विशेष समन्वयक के पद पर भर्ती करे।
कौन हैं पंचेन लामा
14 मई 1995 को तिब्बतियों के धर्मगुरू दलाई लामा ने गेधुन चोयकी नीमा (Gedhun choekyi nyima) को 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी थी। इसके तीन दिन के बाद ही 17 मई 1995 से छह वर्षीय गेधुन व उनके परिजन रहस्यमय परिस्थितियों में गायब हैं। 28 मई 1996 तक तो यह भी पता नहीं चल सका कि गेधुन व उसके परिजनों का किसने अपहरण कियाएलेकिन जब इस मामले को संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के अधिकारों के लिए गठित कमेटी ने उठाया तो पता चला कि चीन ने उसे बंदी बनाया हुआ है। चीन का मानना है कि दलाई लामा द्वारा घोषित पंचेन लामा को लेकर बुद्व संप्रदाय के लोगों में भारी रोष पनप रहा थाएइसी के चलते उन्हें सेना को भेजना पडा। इसके बाद से पंचेन लामा व उनके परिजनों के बारे में ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई कि वह कहां हैं। इसी बीच 29 नवंबर 1995 को चीन ने ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा घोषित कर दिया। गेधुन चोयकी नीमा इस वक्त 31 वर्ष के हो चुके हैंएजबकि उन्हें तिब्बती समुदाय में धर्मगुरू दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर पर सबसे बडा गुरू माना जाता है।