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डोली की जगह पिता को अर्थी पर करनी पड़ी बेटी की विदाई, विस्तार से जानने को करें क्लिक
कोविड-19 (Covid-19) के डर के बीच एक बीमार दुल्हन का इलाज नहीं हो पाया और शादी वाले दिन ही उसकी अर्थी उठ गई। कोरोना के डर में डॉक्टरों ने उसका इलाज (Treatment) नहीं किया, इलाज के अभाव में आखिरकार दुल्हन ने दम तोड़ दिया। पिता के सपने उस समय अरमान बनकर ही रह गए जब डोली की जगह उन्हें अपनी बेटी की विदाई (Farewell) अर्थी पर करनी पड़ी। मामला उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कन्नौज जिले (Kannauj district of Uttar Pradesh) का है। विवाह वाले दिन दुल्हन बीमार पड़ी तो परिजन उसे लेकर कन्नौज से लेकर कानपुर (kanpur) तक भटकते रहे, लेकिन किसी डाॅक्टर (Doctor) ने उसके इलाज को हामी नहीं भरी। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम (Postmortem) के लिए भेज दिया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी कि मौत की वजह क्या रही है।
दूल्हे को बिना दुल्हन बारात वापस ले जानी पड़ी
कन्नौज के ठठिया थाना क्षेत्र के भगतपुरवा गांव (Bhagat Purva Village) के रहने वाले राज किशोर बाथम की 19 वर्षीय बेटी विनीता की शादी थी, इसी बीच दुल्हन की तबीयत खराब हो गई। ये सब उस वक्त हुआ जब कानपुर (Kanpur) देहात जिले के रसूलाबाद के अमरुहिया गांव के निवासी संतोष के बेटे संजय बारात लेकर भगतपुरवा गांव पहुंच चुके थे,शादी की रस्में निभाई जा रही थीं। परिजन बीमार विनीता को तुरंत निजी अस्पताल (Hospital) ले गए। आरोप है कि डॉक्टरों ने कोरोना के डर से इलाज करने से मना कर दिया। फिर विनीता को मेडिकल कॉलेज अस्पताल (Medical College Hospital) ले जाया गया, वहां से उसे कानपुर रेफर कर दिया गया। कानपुर में भी कोरोना (Corona) का डर देखने को मिला। डॉक्टरों ने इलाज से इनकार कर दिया, इसी बीच विनीता ने दम तोड़ दिया। मौत की खबर मिलने पर दूल्हे संजय को बिना दुल्हन बारात वापस ले जानी पड़ी।