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Black Fungus: क्या हैं लक्षण और कैसे करें बचाव- किसको ज्यादा खतरा- जानिए
Last Updated on May 22, 2021 by Sintu Kumar
ऊना। ब्लैक फंगस (Black Fungus) रोग को हिमाचल में महामारी (Epidemic) घोषित किया गया है तथा इस संबंध में जिला ऊना (Una) में भी अलर्ट (Alert) जारी कर दिया गया है। यह जानकारी देते हुए आज मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ. रमन कुमार शर्मा (Chief Medical Officer Una Dr. Raman Kumar Sharma) ने राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है, जिसके तहत इसे म्यूक्रोमाइकोसिस (Mucormycosis) नाम दिया गया है। अधिनियम के तहत प्रत्येक सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान को ऐसे लक्षणों वाले मरीजों की जानकारी तुरंत जिला के सीएमओ (CMO) को देना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त कोई भी व्यक्ति, संस्थान व संगठन बिना अनुमति के इसके प्रबंधन के लिए सामग्री बारे सूचना नहीं फैला सकता। बिना अनुमति के किसी भी व्यक्ति, संस्थान व संगठन को प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक या अन्य किसी प्रकार के मीडिया माध्यम को इस्तेमाल नहीं कर सकेगा।
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उन्होंने बताया कि इन आदेशों की अवहेलना बारे सीएमओ की अध्यक्षता में बनी समिति रिव्यू करेगी तथा दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति, संस्थान व संगठन को सीएमओ नोटिस (Notice) जारी कर सकता है। नोटिस के संबंध में निर्धारित समय में संबंधित पुनः विचार करने के लिए आवेदन कर सकता है और निर्धारित समयावधि के भीतर आवेदन प्राप्त ना होने पर नियमानुसार कार्रवाई करके सजा भी हो सकती है। डॉ. रमन ने बताया कि राज्य में ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है, लेकिन जिला ऊना में अभी तक ब्लैक फंगस के संक्रमण का कोई भी मामला ध्यान में नहीं आया है। इसके बावजूद हमें अभी से इस संबंध में सचेत रहना बहुत आवश्यक है।
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ब्लैक फंगस किसे हो सकता है
सीएमओ ने बताया कि मधुमेह से पीड़ित, कैंसर, किडनी ट्रांसप्लांट (Kidney Transplant), अन्य स्वास्थ्य समस्याएं, कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीज, जिन्हें स्टेरॉयड दवाइयां दी गई हैं। वेंटिलेटर अथवा आईसीयू (ICU) में हैं को ब्लैक फंगस हो सकता है और ज्यादा प्रभावित कर सकता है।
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क्या हैं ब्लैक फंगस के लक्षण
ब्लैक फंगस से संक्रमित व्यक्ति को शुरुआत में नाक बंद होना, नाक से खून आना, जुखाम, बुखार, छाती में दर्द, चेहरे पर सूजन, मुंह के ऊपरी हिस्से या नाक व तालु के उपरी भाग पर कालापन, दांत दर्द, दांतों का ढीला होना, जबड़े का जुड़ना, आंखों में दर्द, साइनसाइटिस, गाल की हड्डी पर दर्द होना जैसे लक्षण आते हैं। संक्रमण फैलने पर आंखों, फेफड़ों और अंदरूनी अंगों पर प्रभाव पड़ता है तथा मरीज बेहोश होने लगता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ सकता है।
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बचाव व सावधानियां
डॉ. रमन ने बताया कि ऐसे मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। मधुमेह (Diabetes) से पीड़ितों का शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना जरूरी है। कोई भी व्यक्ति चिकित्सक की सलाह के बिना स्टेरॉयड दवाइयां ना ले तथा मास्क का नियमित इस्तेमाल करें। अपनी साफ-सफाई बनाए रखें और नाक व गले की सफाई का विशेष ध्यान रखें, खाने में जिंक, मल्टीविटामिन (Multivitamin) तथा प्रोटीन की मात्रा को बढ़ाए। उन्होंने बताया कि चिकित्सा अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि ऑक्सीजन पाइप का विशेष ध्यान रखें तथा डिस्टिल्ड वाटर का प्रयोग करें। डॉ. रमन ने बताया कि शुरुआत में ही इसका इलाज होने पर मरीज पूरी तरह ठीक हो जाता है और अगर ब्लैक फंगस का संक्रमण दिमाग तक पहुंचता है, तब मरीज की जान को खतरा हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि ब्लैक फंगस के लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और चिकित्सक की सलाह के बिना स्टेरॉयड दवाइयां बिलकुल ना इस्तेमाल करें।
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