-
Advertisement
टूरिस्ट प्लेस की खूबसूरती और गोविंद की सियासत क्या रंग दिखाती है-पढ़े
मनाली का नाम जुबान पर आते ही,दिल में कुछ-कुछ होने लगता है। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के बेस्ट हिल स्टेशन के नाम से पहचाने जाने वाली मनाली की राजनीति (Politics)भी गुदगुदाने जैसी ही हैं। मीठे बोल राजनेताओं की शालीनता, हर किसी को भाती है। ये अलग बात है कि मनाली दुनिया के मानचित्र में अपनी खूबसूरती के लिए अच्छी.खासी पहचान बनाए हुए है, लेकिन इस क्षेत्र के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। चुनावी वक्त है, ऐसा चलता है,लोग पांच साल बाद अपने दिल की बात करने लगते हैं। ऐसे में मनाली के लिए भी ये कोई नई बात नहीं है। वैसे तो मनाली घूमने के लिए मशहूर है। मनाली में ऐसे बहुत से टूरिस्ट प्लेस (Tourist Place)हैं जो अपनी खूबसूरती से सभी का मन मोह लेते हैं और ना सिर्फ देश बल्कि विदेशों से भी लोग यहां घूमने के लिए आते हैं। बड़ा सवाल ये है कि हिमाचल विधानसभा चुनाव (Himachal Vidhan Sabha Election) में वो कौन सा चेहरा होगा जो मनाली विधानसभा सीट से जीत कर यहां की सुंदरता को बनाए रखेगा और इस क्षेत्र में बनी समस्याओं को हल करेगा।
यह भी पढ़ें- दशहरे के नाम से मशहूर कुल्लू पर टिकी हैं सबकी निगाहें
मनाली विधानसभा सीट (Manali Vidhan Sabha Seat) में वोटरों की कुल संख्या 72,898 हैं, जिनमें 36,632 पुरुष मतदाता हैं जबकि 36,266 महिला मतदाता हैं। बात साल 2012 की बात की जाए तो इस साल यहां 79.40 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस विधानसभा चुनाव में मतदान करने वाले पुरुषों की संख्या 33,837 और महिलाओं की संख्या 32,615 थी। वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) के गोविंद ठाकुर को 24,417 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस (Congress) के हरी चंद शर्मा को 20,941 वोट मिले थे। मनाली में वर्ष 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 51 प्रतिशत वोट पड़े थे। बीजेपी के गोविंद सिंह ठाकुर ने कांग्रेस को करीब 3000 वोटों के अंतर से मात देकर जीत हासिल की थी। वर्ष 2017 में बीजेपी के गोविंद सिंह ठाकुर को कुल 27,173 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के हरि चंद्र शर्मा 24,168 वोट लेकर दूसरे स्थान पर थे। आईएनडी के गजेंद्र सिंह ठाकुर तीसरे स्थान और बसपा के जीत राम चौथे स्थान पर थे।
वर्ष 2017 में गोविंद ठाकुर (Govind Thakur) ने जीत दर्ज करवाई तो उन्हें जयराम सरकार में पहले परिवहन व वन मंत्री का जिम्मा दिया गया,बाद में उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया। गोविंद इस वक्त प्रदेश के शिक्षा महकमे को संभाल रहे हैं। गोविंद के बारे में कहा जाता है कि वह क्षेत्र के लिए कोई नई योजना नहीं ला सके। मनाली में जो भी काम हुआ है उसे लोग सामान्य श्रेणी तक ही मानते हैं। यानी कोई बड़ा काम मनाली में नहीं हुआ। खैर अबकी मर्तबा फिर से गोविंद ही बीजेपी का यहां से चेहरा होंगे,ऐसा माना जा रहा है। देखना होगा कि इस मर्तबा क्या गोविंद मनाली से हैट्रिक लगा पाते हैं या नहीं। हालांकि,अभी तक कांग्रेस भी यहां से अपना प्रत्याशी तय नहीं कर पाई है।