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इस शिव गुफा में पत्थर से आती है डमरू के बजने का आवाज
Last Updated on March 11, 2021 by Vishal Rana
सोलन। जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर दूर भगवान शिव ( Lord Shiva) का एक ऐसा स्थान भी है, जहां पत्थर बजाने पर भी डमरू( Damroo) बजने की आवाज निकलती हैं। हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्यों से भी श्रद्वालु यहां पहुंचते हैं। इस स्थान की खासियत है कि गुफा में प्राचीन शिवलिंग ( ancient shivling)के ऊपर पत्थर से बने गाय के चार थन मौजूद है और एक शिला है। जिसको बजाने पर उसमें से डमरू बजने की आवाजें स्पष्ट सुनाई देती है जबकि गाय के थनों से पानी शिवलिंग के ऊपर टपकता रहता है। जिला सोलन के कोरो पंचायत के पट्टाघाट में यह प्राचीन शिव गुफा ( ancient Shiva cave in Pattaghat) स्थित है। विशेष बात यह है कि इसे बनाया नहीं गया है बल्कि यह बहुत प्राचीन प्राकृतिक गुफा है। मान्यता है कि यहां स्वयं शिवलिंग प्रकट हुआ था। शिवरात्रि के अवसर पर यहां ग्रामीणों द्वारा विशेष आयोजन किया जाता है और दुर्गम रास्ता होने के बावजूद काफी संख्या में श्रद्वालु यहां पहुंचे हैं।
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शिव गुफा के पुजारी अमीत शर्मा ने बताया कि यह प्राचीन शिवगुफा है। शिवरात्रि के पर्व पर हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों सहित बाहरी राज्यों से भी श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिये आते है। उन्होंने बताया कि यहां जो पत्थर की शिला है इसमें से ढमरू की आवाज आती है। यहां पहुंचे श्रद्धालुओं ने बताया कि वह पिछले कई वर्षों से शिव भगवान के दर्शनों के लिए शिवरात्रि के अवसर पर यहां आते हैं और भगवान शिव से जो भी सच्चे मंन से मुराद मागते है भगवान उसे पूर्ण करते है।
गांव वालों का मानना है कि यह प्राचीन गुफा है और एक बार एक अंग्रेज द्वारा यहां स्वयं निर्मित गाय के थनों को काटने का प्रयास किया था। मगर उस अंग्रेज की मौके पर ही मौत हो गई थी। लोगों ने बताया कि उनकी इस स्थान पर काफी समय से श्रद्धा है और वह कई वर्षों से यहां आ रहे हैं। शिवरात्रि के पावन पर्व पर जहां सोलन के सभी शिवालय मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालु शिव भगवान की पूजा -अर्चना करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगे थे।