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आंध्र प्रदेश सरकार ने विधान परिषद को खत्म करने के प्रस्ताव को दी मंज़ूरी
Last Updated on January 27, 2020 by Deepak
अमरावती। आंध्र प्रदेश के सीएम वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली आंध्र प्रदेश सरकार (Andhra Pradesh government) की कैबिनेट ने राज्य विधान परिषद (उच्च सदन) को खत्म करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। सरकार के फैसले को राज्य में 3 राजधानी वाले विधेयक को पास कराने से जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है, राज्य विधान परिषद (Legislative Council) में सरकार के पास बहुमत नहीं है। अब आगे की कार्रवाई के लिए प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। इसी के साथ विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
वाईएसआर कांग्रेस ने एक बयान जारी कर कहा, ‘विपक्षी दल टीडीपी विधान परिषद में इस बिल को रोकने के लिए अपनी मेजॉरिटी का गलत इस्तेमाल कर रही है जबकि इसे विधानसभा में बहुमत मिल चुका है। इससे पहले विधान परिषद ने एससी और एसटी के लिए अलग-अलग कमिशन को रिजेक्ट कर दिया था। इसके अलावा विधान परिषद में सरकारी स्कूलों में इंग्लिश मीडियम लाने वाले बिल को भी खारिज कर दिया था।’ वहीं जगन सरकार के विधान परिषद खत्म करने के प्रस्ताव पर टीडीपी सांसद के रवींद्र कुमार ने कहा, ‘यह सरकार नहीं है, यह वाईएस जगन मोहन रेड्डी हैं। इससे पता चलता है कि राज्य में कोई संवैधानिक आदर्श और किसी संवैधानिक निकाय के लिए कोई सम्मान नहीं बचा है।’