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कुल्लू। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा (Kullu Dussehra) उत्सव के चौथे दिन लगघाटी के देवता फलाणी नारायण ने लाव लश्कर के साथ भगवान रघुनाथ (Lord Raghunath) के अस्थाई शिविर में हाजिरी लगाई। इस दौरान देवता ने दशहरा उत्सव से दूर रखने के लिए अपनी नाराजगी जाहिर की। इसके साथ ही देवता फलाणी नारायण ने गुरबाणी के माध्यम से भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह (Maheshwar Singh) को जगती करवाने के आदेश दिए। बता दें कि देवी देवताओं के द्वारा दशहरा उत्सव में ना बुलाने पर नाराजगी जाहिर करने वाले देवता फलाणी नारायण छठे देवता हैं। इससे पहले भी 5 देवी देवताओं ने नाराजगी जाहिर की थीं। मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि देवता फलाणी नारायण ने जगती करवाने के देव आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान रघुनाथ मंदिर सुल्तानपुर में सभी देवी देवताओं के गुरों को बुलाकर जगती की जाएगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल घाटी में देवता ने सुख शांति का आश्वासन दिया है।
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव के चौथे दिन भगवान रघुनाथ के अस्थाई शिविर में भगवान रघुनाथ, माता सीता, हनुमान, शालिग्राम, नरसिंह भगवान की विधिवत स्नान, हार श्रंगार कर हरे वस्त्र पहनाकर पूजा अर्चना की गई। इस दौरान मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह व पुजारियां ने मंत्रोउच्चारण के साथ आयोध्या (Ayodhya) की तर्ज पर (दशावर्ण) पूजा अर्चना की। इस दौरान भगवान के दर्शनों के लिए सैंकड़ो श्रद्धालुओं ने दर्शन कर आर्शिवाद लिया। भगवान रघुनाथ के सेवक वीरेंद्र ने बताया कि कोरोना (Corona) महामारी के कारण इस बार का दशहरा उत्सव सूक्ष्म रूप से मनाया जा रहा है। श्रद्धालु हर रोज भगवान रघुनाथ के दर्शन आर्शिवाद लेने के लिए आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि साल में एक बार भगवान रघुनाथ के नजदीक से दर्शन के लिए मौका मिलता है और ऐसे में हर रोज सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर आर्शिवाद ले रहे है।
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