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भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वेलुमणि के घर में छापेमारी की
Last Updated on August 10, 2021 by IANS
चेन्नई। तमिलनाडु के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ( Anti-Corruption Bureau), सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) के अधिकारियों ने मंगलवार को अन्नाद्रमुक के पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि ( SP Velumani)के कोयंबटूर स्थित आवास पर तलाशी अभियान शुरू किया। यह भी पता चला है कि डीवीएसी अधिकारियों द्वारा वेलुमणि ( Velumani)के करीबी लोगों के परिसरों में तलाशी ली जा रही है। वेलुमणि पूर्व सीएम के. पलानीस्वामी के नेतृत्व वाली अन्नाद्रमुक सरकार में स्थानीय प्रशासन मंत्री थे और अप्रैल में हुए विधानसभा चुनावों में कोयंबटूर और पश्चिमी बेल्ट में अधिकांश सीटों को जीतने में पार्टी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
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तमिलनाडु सरकार ने हाल ही में मद्रास उच्च न्यायालय ( Madras High Court) को बताया कि उन्होंने वेलुमणि के खिलाफ शिकायत को फिर से खोलने और जांच करने का फैसला किया है जो पहले अन्नाद्रमुक के सत्ता में होने पर बंद कर दिया गया था ।हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जांच और हलफनामा दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय दिया था। राज्य सरकार ने अदालत को बताया था कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) अरापोर इयक्कम की शिकायत से सहमत है।
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सोमवार को डीवीएसी ने वेलुमणि, उनके सहयोगियों और अज्ञात अधिकारियों सहित 17 व्यक्तियों/कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। प्राथमिकी डीएमके सांसद आर.एस. भारती और अरापोर इयक्कम के संयोजक वी. जयरामन के शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी। दो शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया था कि वेलुमणि ने ग्रेटर चेन्नई और कोयंबटूर नगर निगमों में निर्माण और माल/सेवाओं के टेंडर कार्यो की आपूर्ति के मामलों में नगरपालिका प्रशासन मंत्री, एक लोक सेवक के रूप में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके उनके भाई, उनके रिश्तेदारों और उनकी संबद्ध कंपनियों सहित उनके करीबी सहयोगियों को टेंडर देकर बड़े पैमाने पर पक्षपात किया था।
प्राथमिकी में उच्च न्यायालय के इस निर्देश का भी हवाला दिया गया है कि ‘राज्य को मामले की तह तक जाने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए और अनियमितताओं के लिए जिम्मेदार पाए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए’ और सीएजी रिपोर्ट के आलोक में आगे की जांच करना चाहिए। 2014 से 2018 तक जब वेलुमणि नगर प्रशासन मंत्री थे, तो उनके साथ निकटता से जुड़ी कंपनियों को आवंटित कुल निविदाएं लगभग 464.02 करोड़ रुपये ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन में और कोयंबटूर नगर निगम में लगभग 346.81 करोड़ रुपये दिए गए। इन दोनों निकायों के अधिकारियों ने वेलुमणि के निर्देशानुसार निविदाएं प्रदान करते समय निविदाओं में तमिलनाडु पारदर्शिता अधिनियम और अन्य नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन किया।
–आईएएनएस