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नई दिल्ली। फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के रूप में मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के साथ ही आज कुंभ का भी अंतिम स्नान है। महाशिवरात्रि पर्व पर संगम में स्नान के लिए श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा है। इस बार सोमवार के दिन महाशिवरात्रि से सोमावती शिवरात्रि के साथ 51 वर्ष के बाद अद्भुत पुण्यकारी संयोग बन रहा है। शिव कृपा प्राप्त करने का यह उत्तम समय है। सुबह की महाआरती के बाद मंदिरों के पट खुल गए हैं। सुबह से लाखों श्रद्धालु पूरे संगम क्षेत्र में 8 किलोमीटर के दायरे में बने स्नान घाटों पर स्नान कर रहे हैं।
दुनियाभर से श्रद्धालु पवित्र नगरी प्रयागराज पहुंच कर संगम (Sangam) में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। आस्था और विश्वास के महापर्व कुंभ की भव्यता, दिव्यता और यहां का अलौकिक दैविक वातावरण मंत्रमुग्ध कर देने वाला है। महाशिवरात्रि आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है। इस दिन प्रकृति इंसान को अपने आध्यात्मिक चरम पर पहुंचने के लिए प्रेरित करती है। कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक, कुंभ के अंतिम स्नान पर करीब 60 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
मेला प्रशासन ने शिव मंदिरों (Shiv Temples) में दर्शन की विशेष व्यवस्था की है क्योंकि इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक भी किया जाता है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ औपचारिक तौर पर कुंभ मेले का समापन करेंगे। महाशिवरात्रि का मुहूर्त रात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर लग रहा है इसलिए श्रद्धालु तड़के सुबह से ही स्नान के लिए पहुंचने लगे है। सोमवार 7.5 तक स्नान का मुहूर्त रहेगा।
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