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CU, कांगड़ा एयरपोर्ट और नेशनल हाई-वे को लेकर Anurag ने कह दी बड़ी बात
धर्मशाला। केंद्रीय वित्त एंव कॉरपोरेट राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) का कहना है कि कांग्रेसी वोट बैंक की राजनीति का केंद्रीय विश्वविद्यालय और कांगड़ा के लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ा। देहरा (Dehra) और धर्मशाला दोनों ही कांगड़ा जिले के हिस्से हैं और प्रदेश में प्रेम कुमार धूमल व केंद्र में यूपीए (UPA) सरकार के दौरान पहले दिन से ही तय था कि शैक्षिणक परिसर देहरा में और प्रशासनिक खंड धर्मशाला में बनेंगे। लिहाजा पहले जमीन के नाम पर पांच बरस तक कांग्रेस (Congress) ने इसे लटकाए रखा और जब वन मंत्रालय से अनुमति मिली तो इन्होने पैसे भी जमा नहीं करवाए। नतीजतन देरी होती गई। हमने सता में आते ही एक साल के अंदर इसके लिए अनुमति भी हासिल की और पैसे भी जमा करवाए।
रविवार को यहां एक प्रेस वार्ता में केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ने कहा कि इसके बाद विवि का काम था, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने का। मगर विवि ने अनुमानित बजट से जब बड़ी डीपीआर (DPR) बना दी, तो खुद उनके दखल के बाद इसके लिए पांच अरब रुपये की डीपीआर जमा करवाई गई है। उन्होंने कहा कि अब बहुत जल्द विवि के दोनों परिसर लोगों को मिल जाएंगे। राष्ट्रीय राजमार्गों (National Highways) के निर्माण का ठीकरा कांग्रेस के सिर फोड़ते हुए अनुराग ने कहा कि जब यह मंजूर हुए थे, तब कांग्रेस की सरकार ने तीन बरस तक तो इनकी डीपीआर ही तैयार नहीं कर पाई। लिहाजा बिलंव होने के बाद यकीनन इनकी लागत में वृद्धि हुई है। अब जमीन अधिग्रहण और निर्माण की लागत को यातायात की आमदन से जोड़ते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों की रपट के अध्ययन के बाद प्रदेश सरकार और राजमार्ग प्राधिकरण से बातचीत के बाद तय होगा कि पहले और दूसरे चरण के तहत कौन से निर्माण होंगे।
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कांगड़ा हवाई अड्डे (Kangra Airport) के विस्तारीकरण को लेकर अनुराग ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए हिमाचल को कम से कम दो या तीन बड़े हवाई अड्डों की जरूरत है, तभी कोई लाभ होगा। इनमें सबसे ज्यादा किसी के विस्तार की संभावना है तो वह है कांगड़ा एयरपोर्ट। हमने प्रयास करके चार उड़ानें यहां से शुरू करवा दी हैं। विस्तार होगा तो टिकट सस्ती होने से जब पर्यटन भी बढ़ेगा तो कारोबार भी बढ़ेगा। इससे लोगों को लाभ होगा। इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को एकजुट होने की बात कहते हुए अनुराग ने कहा कि 15वें वित्त आयोग से उन्होंने कांगड़ा और मंडी हवाई अड्डे के लिए बजटीय प्रावधान की बात भी की है और मोदी सरकार इसके लिए पूरी मदद भी करेगी। हिमाचल को केंद्रीय आर्थिक मदद को लेकर उनका कहना था कि प्रदेश में संसाधन कम हैं और एसडीआरएस के 15 हजार करोड़ में से हिमाचल को भी हिस्सा मिला। राजस्व घाटे के तहत 5716 करोड़ का अनुदान, एसडीआरएफ (SDRF) में 205 करोड़, केंद्रीय टैक्सों में हिस्से के अलावा केंद्र प्रायोजित योजना में से भी पैसा देना शुरू कर दिया। मुद्रा योजना के तहत प्रदेश को 9,897 करोड़ दिया गया।
वेजिस एंड मीन्स के तहत 60 प्रतिशत की वृद्धि कर दी है, लेकिन प्रदेश की आर्थिकी सेब, पर्यटन और खेती पर भी निर्भर करती है। कोविड के वक्त पर निश्चित तौर पर जब फर्क पड़ा को इसका नुकसान होटल उद्योग को भी हुआ। ईएलजीएस योजना के तहत तीन लाख करोड़ की योजना के तहत हमने बैंकों के जरिए 20 प्रतिशत अतिरिक्त कार्य पूंजी दी गई। इससे किसी को जमीन जायदाद गिरवी नहीं रखनी पड़ी। आत्मनिर्भर भारत योजना में कृषि और अंतरिक्ष से लेकर रक्षा क्षेत्र को भी बल दिया।
भानूपल्ली-बिलासपुर-लेह रेलवे लाइन को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना बताते हुए उनने कहा कि सांसद के नाते मैंने और प्रेम कुमार धूमल ने बहुत बरसों से इस रेलवे लाइन का मामला उठाया। पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की सरकार बनने के बाद बीस किमी जमीन अधिग्रहण के बाद ठेका भी हो गया और उसका काम भी शुरु हो गया। पार्टी के राषट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ मिलकर वह अब इसको और गति दे रहे हैं। अगले बीस किमी के अधिग्रहण का काम भी शुरू हो जाएगा, जबकि 40 किमी को इसका सर्वेक्षण हो चुका है और अब पीएम स्वयं इसको देख रहे हैं।
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