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शिमला। संसदीय आईटी कमेटी के अध्यक्ष और सांसद अनुराग ठाकुर ने पद्मावती फिल्म से उपजे विवाद के बीच गतिरोध समाप्त करने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने आईटी के संसदीय स्थायी समिति के नेतृत्व में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय बोर्ड ऑफ फिल्म प्रमाणन के अध्यक्ष और फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली को आमंत्रित कर उपजे विवाद को सुलझाने का प्रयास किया। इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि पद्मावती विवाद को देखते हुए मेरे कुछ सवाल हैं, क्यों फिल्म के निर्माण के समय से ही टकराव की स्थिति बनी हुई है। क्यों देश के करदाताओं का पैसा विकास कार्यों में लगने की बजाए पद्मवती विवाद से जुड़े लोगों की सुरक्षा पर पर खर्च हो रहा है। फिल्म को सीबीएफसी की जांच से पहले चुनिंदा मीडिया में क्यों दिखाया गया। फिल्मों का निर्माण का आधार मनोरंजन होता है ना कि पूरे देश में तनावपूर्ण माहौल बनाना।
आईटी के संसदीय स्थायी समिति के नेतृत्व में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय बोर्ड ऑफ फिल्म प्रमाणन के अध्यक्ष और फिल्म के निर्देशक संजय लीला भंसाली को आमंत्रित कर सभी संबंधित लोगों से उनका पक्ष जाना जाएगा और उनसे इस विवाद की वजह क्या रही और भविष्य में ऐसे मामलों से बचने के लिए क्या प्रभावी क़दम उठाए जाएं, इस पर विस्तृत चर्चा होगी।
आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया खबरों और जनता के बीच का माध्यम है, लेकिन अकसर पूरी सच्चाई जनता के सामने नहीं आ पाती। ये कहा जा रहा है कि धमकी दी गई, मगर उस धमकी के बाद जिम्मेदार व्यक्ति पर हुई कार्रवाई के बारे में मीडिया ने जनता को नहीं बताया। यदि एक पक्ष की बातें सामने आती हैं तो उसका दूसरा पक्ष दिखाने की जिम्मेदारी भी मीडिया की है। ये सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि इससे लोगों की जनभावनाएं भी जुड़ी हुई हैं, जिसका हमें ध्यान रखना है। माहौल को ऐसे खराब होते हम नहीं देख सकते और इसके लिए हमें जो भी जरूरी कदम उठाने होंगे वो उठाएंगे और आपसी सहयोग से इस विवाद को ख़त्म करेंगे।
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