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शिमला। हिमाचल प्रदेश में सेब के बगीचे ‘चोटी’ की ओर खिसक रहे हैं। जिसके चलते पूरी दुनिया में मशहूर हिमाचल के सेबों पर अस्तित्व का खतरा मंडराने लगा है। दरअसल प्रदेश में जलवायु परिवर्तन के चलते कुल्लू, शिमला और मंडी जिलों में पैदा होने वाला सेब अब ऊंचाई वाले इलाकों जैसे किन्नौर, लाहौल और स्पीति घाटी में पैदा होने लगे हैं। बताया गया कि सेब की खेती निचले इलाकों में लगभग लगभग बंद ही हो चुकी है।
भारत के सेब का कटोरा कहे जाने वाले हिमाचल प्रदेश के कोटागढ़ में सेबों का कारोबार कभी चिंता की बात नहीं रही। लेकिन सेबगढ़ कहे जाने वाले कोटागढ़ की यह पहचान अब खत्म हो रही है। यहां सर्दी कम होने की वजह से सेब के स्वाद में भी बदलाव आ रहा है। सेब के बागान भी गर्मी को महसूस कर रहे हैं और जलवायु परिवर्तन का असर स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रहा है। यहां क्ले किसानों ने अब सेब की खेती छोड़ मशरूम जैसे अन्य चीजों की खेती करने लगे हैं।
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