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पहली अप्रैल को शायद आप दोस्तों या परिवार में किसी को बेवकूफ बनाने के लिए सोच रहे होंगे। परंपरागत तौर पर इस दिन हम सभी एक दूसरे का मज़ाक बनाते हैं।ब्रिटेन में यह 19वीं सदी से ही मनाया जा रहा है।आश्चर्यजनक रूप से अप्रैल फूल डे की शुरुआत कहां से हुई इसके बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है। अप्रैल फूल्स डे पश्चिमी देशों में हर साल पहली अप्रैल को मनाया जाता है। ऑल फूल्स डे के रूप में जाना जाने वाला यह दिन, एक आधिकारिक छुट्टी का दिन नहीं है लेकिन इसे व्यापक रूप से एक ऐसे दिन के रूप में जाना और मनाया जाता है, जब एक दूसरे के साथ मजाक और सामान्य तौर पर मूर्खतापूर्ण हरकतें की जाती हैं। इस दिन दोस्तों, परिजनों, शिक्षकों, पड़ोसियों, सहकर्मियों आदि के साथ अनेक प्रकार की शरारतपूर्ण हरकतें और अन्य व्यावहारिक मजाक किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य होता है बेवकूफ और अनाड़ी लोगों को शर्मिंदा करना।
पारंपरिक तौर पर कुछ देशों जैसे न्यूजीलैंड, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में इस तरह के मजाक केवल दोपहर तक ही किये जाते हैं और अगर कोई दोपहर के बाद किसी तरह की कोशिश करता है तो उसे “अप्रैलफूल” कहा जाता है। इसकी शुरुआत फ्रांस में 1582 में उस वक्त हुई, जब पोप चार्ल्स 9 ने पुराने कैलेंडर की जगह नया रोमन कैलेंडर शुरू किया। पहले नया साल 1 अप्रैल को मनाया जाता था, लेकिन 1582 में इसे 1 जनवरी कर दिया गया। पर कुछ लोग पुरानी तारीख पर ही नया साल मनाते रहे और उन्हें ही अप्रैल फूल्स कहा गया।यूरोप के कुछ इलाक़ों में इसे अप्रैल फिश डे के रूप में मनाया जाता है। दरअसल फ्रांसीसी नदियों में एक अप्रैल के आसपास काफी मछलियां पाई जाती हैं। आगे चलकर फिश को ही फूलिश डे के रूप में देखा जाने लगा।इस दिन फ्रांस, इटली, बेल्जियम में कागज की मछली बनाकर लोगों के पीछे चिपका दी जाती है और मजाक बनाया जाता है। रोचक है कि सभी एक दूसरे को मूर्ख बनाना चाहते हैं, लेकिन बनना कोई भी नहीं चाहता। तभी तो इस दिन लोग गंभीर बातों को लेकर भी कुछ ज्यादा ही सतर्क होते हैं। फिलहाल तो पहली अप्रैल का दिन दुनिया भर में मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसीलिए इस दिन मिलने वाली किसी भी सूचना या बात को अक्सर बिना जांच पड़ताल के गंभीरता से नहीं लिया जाता। फ्रांस और हॉलैंड में पहली अप्रैल का ठोस रिकॉर्ड 1500 के दशक में मिलता है। लोगों का मानना है कि यह उत्तरी यूरोप की परंपरा थी जो ब्रिटेन तक आई।
हल्के -फुल्के मजाक की यह परंपरा कुछ ज्यादा ही रोचक हो गई जब इसमें अखबार,रेडियो और टेलीविजन वाले भी शामिल हो गए। टैको लिबर्टी बेल : 1996 में टैको बेल ने दि न्यूयॉर्क टाइम्स में एक पूरे पेज का विज्ञापन देकर यह घोषणा की, कि उन्होंने “देश पर से कर्ज के भार को कम करने के लिए” लिबर्टी बेल को खरीद लिया है और इसे “टैको लिबर्टी बेल” का नाम दिया है। जब बिक्री के बारे में पूछा गया तो व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव माइक मैककरी ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया कि लिंकन मेमोरियल भी बेच दिया गया है और अब इसे लिंकन मरकरी मेमोरियल के रूप में जाना जाएगा।
स्पेस शटल ने सैन डियागो में लैंड किया : 1993 में डीजे डेव रिचर्डसन ने सैन डियागो में केजीबी एफएम के श्रोताओं को कहा कि स्पेश शटल डिस्कवरी का रास्ता बदलकर एडवर्ड्स एयर फ़ोर्स बेस से मोंटगोमेरी फील्ड में लैंड करने की व्यवस्था की गयी थी, जो एक छोटा सा एयरपोर्ट था जिसका रनवे 4,577 फुट का था। हज़ारों लोग उस तथाकथित लैंडिंग को देखने के लिए एयरपोर्ट पहुंच गए जिससे ट्रैफिक जाम हो गया। मजे की बात तो यह थी कि उस समय कोई भी शटल ऑर्बिट में मौजूद ही नहीं था।
एक मेयर की मौत : 1998 में स्थानीय डब्ल्यूएएएफ शॉक जॉक्स ओपी और एंथनी ने यह बताया कि बोस्टन के मेयर थॉमस मेनिनो एक कार दुर्घटना में मारे गए हैं। मेनिनो उस समय एक विमान में थे, जिसके कारण यह मज़ाक और भी विश्वसनीय हो गया क्योंकि उनसे संपर्क कर पाना संभव नहीं था। यह अफवाह बहुत तेजी से समूचे शहर में फ़ैल गयी, आखिरकार न्यूज स्टेशनों को इस अफवाह को गलत बताने के लिए एक एलर्ट जारी करना पड़ा। इस जोड़ी को शीघ्र ही निकाल दिया गया था।
बीबीसी रेडियो 4 (2005) द टुडे प्रोग्राम ने समाचारों में यह घोषणा की कि लम्बे समय से चल रहे सीरियल द आर्चर्स ने अपने थीम ट्यून को बदलकर एक आधुनिक डिस्को शैली में कर लिया है।सेल फोन बैन : न्यूजीलैंड में रेडियो स्टेशन द एजेज मॉर्निंग मैडहाउस ने 1 अप्रैल को समूचे देश को यह जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री की मदद मांगी कि न्यूजीलैंड में सेलफ़ोनों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। इस नए कानून पर नाराजगी जाहिर करने के लिए सैकड़ों कॉलरों ने फोन किया।
पीसा की मीनार : डच टेलीविजन न्यूज ने यह सूचना दी कि 1950 के दशक में पीसा की मीनार गिर गयी थी। कई लोगों ने आश्चर्य से स्टेशन को फोन किया।
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