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नई दिल्ली। चीनी सेना (Chinese Army) के भारतीय इलाके में घुसपैठ की खबरों पर विराम लगाते हुए आर्मी चीफ बिपिन रावत (Army Chief Bipin Rawat) ने कहा है कि लद्दाख के डेमचोक (Demchok) में चीनी सेना ने घुसपैठ नहीं (did not infiltrate) की है। शनिवार को करगिल युद्ध के 20 वर्ष पूरे होने के मौके पर आयोजित किए गए एक कार्यक्रम के दौरान रावत ने कहा कि चीनी अधिकारियों के साथ फ्लैग मीटिंग के दौरान इस मुद्दे को उठाया गया था और इसे सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा कि चीनियों के साथ भारत का अच्छा संबंध है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बिना चीनी आर्मी की निगरानी के सिविलियंस भी वहां तक नहीं आ सकते थे।
इस दौरान आर्मी चीफ ने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी वक्त-वक्त पर दुस्साहस करती रहती है, कभी छद्म युद्धों के जरिए तो कभी राज्य पोषित आतंकवाद या घुसपैठ के जरिए। भारतीय सेना अपने इलाके की रक्षा के लिए कृतसंकल्पित है। किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए कि किसी भी तरह के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘कोई सिविलियन भी बिना आर्मी की निगरानी के एलएसी तक नहीं जा सकता। चीन की तरफ से सिविलियन वहां तक आए तो चीनी सैनिकों ने उन्हें एस्कॉर्ट किया होगा।’ आर्मी चीफ ने कहा कि दोनों देशों के आर्मी ऑफिसरों के बीच होने वाली फ्लैग मीटिंग में यह मुद्दा उठाया गया। आर्मी चीफ ने कहा, ‘निश्चित रुप से जब कुछ नागरिक आते हैं तो उसके साथ चीनी सेना के लोग भी आते हैं, क्योंकि वे हालात मॉनिटर करना चाहते हैं, ऐसा हम भी करते हैं, आर्मी और आईटीबीपी के जवान भी हमारे नागरिकों के साथ होते हैं जब वो बॉर्डर एरिया जाते हैं।’
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