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चंबा। रिकॉर्ड बर्फबारी के चलते पांगी घाटी (Pangi valley ) शेष दुनिया से कटकर टापू बनकर रह गई है। पूरी तरह से अवरुद्ध सड़क मार्गों के चलते घाटी की आबादी खाद्य सामग्री ( Food item) की कमी समेत कई समस्याओं से जूझ रही है। उधर हमेशा की तरह संकट की सेना के 2 हेलीकाप्टरों ( Army helicopters) ने लोगों को मदद पहुंचाई। वहीं घाटी में फंसे दो मरीज भी उधमपुर पहुंचाए। पांगी घाटी में बुरी तरह से हिमखंड की चपेट में आए मुर्छ गांव को खाद्य संकट से उबारने के लिए सेना का हेलीकॉप्टर चीता मददगार बना।
पांगी की पंचायत सैचू नाला के मूर्छ गांव में सात फरवरी को हिमखंड ( Avalanche) से प्रभावित परिवारों के लिए सरकार ने सेना के हेलीकॉप्टर चीता के माध्यम से खाद्य सामग्री गिराई गई। इसमें आटा,चावल,नमक ,खाद्य तेल तथा चीनी समेत अन्य जरूरत की सारी वस्तुएं थी। उपमंडल अधिकारी पांगी विश्रुत भारती ने बताया कि पांगी के मूर्छ गांव में हिमखंड से 11 परिवार प्रभावित हुए थे, जिनमें से तीन परिवारों को भारी नुकसान हुआ था। प्रभावितों के लिए खाद्य सामग्री शनिवार को पांगी मुख्यालय किलाड़ से सेना के हेलीकाप्टरों ने गिराई गई।
जम्मू कश्मीर ( Jammu Kashmir) के उधमपुर से सेना के हेलीकॉप्टर किलाड़ हेलीपैड ( Kilad helipad) पर उतरे, जहां से खाद्य सामग्री को लेकर के मूर्छ गए । उनके साथ पांगी पब्लिक लाइब्रेरी के कर्मचारी महात्म चन्द ठाकुर को भेजा गया था। उन्होंने बताया वापसी पर क्षेत्रीय चिकित्सालय किलाड़ में उपचाराधीन शीला कुमारी निवासी कवास तथा हंसी देवी निवासी फिन्दर को भी किलाड़ से उधमपुर के लिए भेज दिया गया है।
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