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अर्पिता ने ईडी के सामने कबूला: अवैध धन रखने के लिए मेरे फ्लैटों का किया गया इस्तेमाल
Last Updated on July 28, 2022 by Neha Raina
अर्पिता मुखर्जी ने कोलकाता के टॉलीगंज और बेलघरिया में उनके दो आवासों से लगातार दो बार भारी मात्रा में नकदी और सोना बरामद होने के बाद गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने कबूल किया कि उन्हें मजबूर किया गया था। पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) ने उनके घरों को अवैध नकदी रखने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देने को कहा था।
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ईडी के एक अधिकारी ने कहा, “अर्पिता ने कबूल किया है कि चटर्जी उसके टॉलीगंज और बेलघरिया दोनों आवासों में सप्ताह में एक या दो बार आते थे और उनके साथ एक अज्ञात व्यक्ति भी आया करता था। अधिकारी ने पुष्टि की, “चटर्जी ने अर्पिता को अलमारी नहीं खोलने और उन कमरों में बार-बार आने से बचने का सख्त निर्देश दिया थे, जहां से नकदी बरामद की गई थी।”
जानकारी के अनुसार, मुखर्जी के आवास से बरामद नकदी को चटर्जी ने अपने एक अज्ञात सहयोगी की मदद से वहां रखा था। बता दें कि कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके बेलघरिया से अर्पिता के एक अन्य फ्लैट से 20 करोड़ रुपए और 3 किलोग्राम सोना बरामद हुआ है। फिलहाल, गिनती की प्रक्रिया अभी जारी है। अभी तक घर के बेडरूम में एक अलमारी से 20 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की गई है। इस नकदी को गिनने के लिए ईडी ने कोलकाता के रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय से मशीनें मंगवाई हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी अर्पिता के एक घर से भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान बरामद हुआ था। इस पर अर्पिता ने ईडी को बताया था कि पार्थ चटर्जी ने पैसे और गोपनीय दस्तावेजों को छिपाने के लिए उनके घर और अन्य संपत्तियों का इस्तेमाल मिनी बैंक के रूप में किया था। अर्पिता ने बताया कि ये पैसा राज्य के बड़े पैमाने पर शिक्षक भर्ती घोटाले से लाया गया था। बता दें कि पार्थ चटर्जी के घर से पिछले दिनों 21 करोड़ रुपए की नकदी बरामद की गई थी और इस मामले में पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया था। दोनों तीन अगस्त तक जांच एजेंसी की हिरासत में रहेंगे।