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हमीरपुर। कांग्रेस नेताओं के माफी मांगने के बयान को हास्यस्पद करार देते हुए नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के पुत्र अरुण धूमल ने कहा है कि माफी वह क्यों मांगें, वास्तव में माफी तो सीएम वीरभद्र सिंह को मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने प्रदेश को माफिया राज में तबदील कर दिया है। अरुण ने कहा कि वीरभद्र सिंह स्वयं यह मान चुके हैं कि वह जुगाड़ से सरकार चला रहे हैं। सीएम को जुगाड़ की तकनीक में महारत हासिल हो चुकी है। इसी जुगाड़ तकनीक की वजह से वह अभी तक जेल जाने से बचे हुए हैं। अरुण धूमल ने कहा कि जुगाड़ तकनीक से कुछ देर तक तो काम चलाया जा सकता है, परन्तु हमेशा के लिए यह जुगाड़ काम नहीं आएगा। अरुण धूमल ने सीएम से सवाल किया कि उन्हें महीने में 2 बार दिल्ली के चक्कर क्यों लगाने पड़ रहे हैं। क्या जांच एजेंसियों तथा अदालत से इसी जुगाड़ के तहत वह भ्रष्टाचार के मामलों में बचे हुए हैं। क्या जुगाड़ तकनीक से ही उनके खिलाफ चल रही कार्रवाई को लम्बित किया जा रहा है। अरुण धूमल ने कहा कि वीरभद्र सिंह को बताना चाहिए कि शिमला जिला के आनंद चौहान पिछले 4 महीनों से तिहाड़ जेल में क्यों बंद हैं। आखिर आनंद चौहान ने क्या गुनाह किया है। यदि सीएम वीरभद्र और उनका परिवार पाक साफ है तो उनकी 8 करोड़ की संपत्ति प्रवर्तन विभाग ने कैसे जब्त कर ली। क्यों वीरभद्र सिंह के परिवार के सदस्यों को आए दिन जांच एजेंसियों के आगे गिड़गिड़ाना पड़ रहा है।
अरुण धूमल ने कहा कि प्रदेश की जनता इस जुगाड़ की राजनीति की वजह जानना चाहती है। अरुण ने कहा कि वीरभद्र सिंह ने सत्ता में आते ही पहले दिन टेलीफोन टेपिंग, पहले महीने बाबा रामदेव की जमीन और पहले वर्ष में उनके (अरुण के) खिलाफ धर्मशाला में जमीन को लेकर केस दर्ज किए। तीनों ही मामलों में सरकार की विजिलेंस ने ही कोई अनियमितता नहीं पाई। सभी मामलों को बंद कर दिया गया। यहां तक कि अब वीरभद्र सिंह ने कैबिनेट में बाबा रामदेव को सर्शत जमीन वापस करने को मंजूरी दी है। अरुण धूमल ने सवाल किया कि इन मामलों को बनाने और उसके बाद वकीलों की फीसों पर लाखों रुपए बर्बाद किए गए। इसके लिए क्या वीरभद्र सिंह जिम्मेदार नहीं है।
उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह के सब काम दो नंबरी हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह को अपने पापों की सजा मिलने से पहले उनके कृत्यों के लिए प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। इस बात पर कि उनकी क्या क्षमता है तथा किस आधार पर सीएम पर टिप्पणियां कर रहे हैं। अरुण ने कहा कि कोई भी देश का नागरिक और हिमाचल का मतदाता इस सवाल को पूछ सकता है। लोकतंत्र में सवाल पूछने के लिए कोई ओहदा नहीं बल्कि सजग नागरिक होना ही पर्याप्त है।
सीएम का बचाव करने वाले कांग्रेस के नेता सवाल पूछने वालों पर सवाल खड़े करने की वजाए सीएम से ही जवाब-तलबी करें कि आखिर वीरभद्र सिंह के पास इतनी संपत्ति कहां से आई है और क्यों उनके भ्रष्टाचार के कारण प्रदेश को कलंकित होना पड़ रहा है।
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