-
Advertisement
देश की सबसे युवा #Mayor बनेंगी बीएससी सेकंड ईयर की स्टूडेंट आर्या राजेंद्रन
Last Updated on December 26, 2020 by Sintu Kumar
तिरुअनंतपुरम। केरल के निकाय चुनाव (Kerala’s Local Body Elections) में एक नया रिकॉर्ड कायम हुआ है। तिरुअनंतपुरम से जीत दर्ज करवाने वाली की आर्या राजेंद्रन (Arya Rajendran) को पार्टी ने मेयर पद के लिए चुना है। 21 साल की आर्या इस पद को संभालने के साथ ही देश की सबसे कम उम्र की मेयर बन जाएंगी। आर्या की अभी बीएससी (BSc) की पढाई भी पूरी नहीं हुई है, वह सेकेंड ईयर की स्टूडेंट हैं। केरल में हुए निकाय चुनाव में आर्या सबसे युवा केंडिडेट थीं, उन्होंने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी यूडीएफ (UDF) श्रीकला को 2872 मतों से हराया। 100 सदस्यों वाली तिरुअनंतपुरम नगर पालिका के चुनाव में सीपीआई एम (CPI-M) ने 51 सीटें जीतीं है। बीजेपी यहां मुख्य विपक्षी दल है। उसके खाते में 35 सीटें गई हैं, कांग्रेस की अगुआई वाली यूडीएफ को इन चुनावों में 10 सीटें मिली हैं, जबकि चार निर्दलीय जीते हैं।
ये भी पढ़े : श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर विवाद पर SC का फैसला: त्रावणकोर शाही परिवार के अधिकार रहेंगे बरकरार
सीपीआई एम की मेयर (Mayor) के लिए नामित आर्या ने कहा कि यह पार्टी का फैसला है और मैं इसका पालन करूंगी। चुनाव के दौरान लोगों ने मुझे प्राथमिकता दी, क्योंकि मैं एक स्टूडेंट हूं। लोग चाहते हैं कि उनका प्रतिनिधि पढ़ा-लिखा हो। मैं अपनी पढ़ाई पूरी करूंगी और मेयर के तौर पर अपनी जिम्मेदारियां भी निभाऊंगी। वह अभी गणित विषय से बीएससी कर रही हैं। आर्या के पिता इलेक्ट्रिशियन हैं और उनकी मां एलआईसी एजेंट हैं। भाई मध्य पूर्व एशिया में ऑटोमोबाइल इंजीनियर है, ये दोनों भी इसी कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्य हैं। आर्या राजेंद्रन बचपन से ही राजनीति से जुड़ी हुई है। वह छह साल की उम्र में ही पार्टी से जुड़े बच्चों के संगठन बाला संगम की सदस्य बन गई थीं और आज इसकी प्रदेश अध्यक्ष हैं। दो साल तक आर्या बाला संगम की अध्यक्ष रहीं। इसके अलावा आर्या स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की पदाधिकारी भी हैं।
आर्या का परिवार तिरुवनंतपुरम (Thiruvananthapuram) के एक छोटे से घर में रहता है और हर महीने 6,000 रुपए का किराया देता है। आर्या ने कहा कि मेरे परिवार वालों ने राजनीति में जाने के फैसले पर कभी आपत्ति नहीं जताई। आर्या केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलेजा को अपना आदर्श मानती हैं, उनका कहना है कि कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के दौरान शैलेजा ने काफी बेहतर काम किया।