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पूर्व मंत्री जीएस बाली की अस्थियां गंगा में प्रवाहित, बेटे ने विधि-विधान से दी पिता को अंतिम विदाई
हरिद्वार/कांगड़ा। धौलाधार के आंचल में पैदा हुआ हिमाचल का एक लाल मां गंगा की गोद में हमेशा-हमेशा के लिए समा गया। हिमाचल प्रदेश के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री जीएस बाली (GS Bali) की अस्थियां बुधवार को हरिद्वार में गंगा में विसर्जित की गईं। मंगलवार को जीएस बाली की अस्थियों को लेकर उनका परिवार और तमाम समर्थक हरिद्वार (Haridwar) के लिए रवाना हुए। जीएस बाली के पुत्र और कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव रघुवीर सिंह बाली ने अपने पिता की अस्थियों को लेकर पूरे विधि-विधान के साथ मां गंगा में विसर्जित किया। बताया जा रहा है कि रास्ते में जिन लोगों को अस्थियां लेकर जाने की ख़बर मिली वहीं पर लोगों ने जीएस बाली को नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। उत्तराखंड के बॉर्डर पर पहुंचते ही वहां की सरकार ने जीएस बाली के सम्मान में प्रशासन को लगा दिया।
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प्रशासन ने पूर्व मंत्री बाली की अस्थियों के लिए पायलट दिया और पूरे लाव-लश्लकर के साथ उन्हें गंगा के घाट तक कॉर्डन ऑफ किया। उत्तराखंड सरकार का यह सम्मान और लोगों का स्नेह यह दर्शा रहा था कि जीएस बाली की शख्सियत सिर्फ हिमाचल (Himachal) ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान में लोकप्रिय थी।
गंगा के घाट पर उनके बेटे आरएस बाली (RS Bali) ने पूरे रिति और विधि-विधान के साथ अपने पिता को अंतिम विदाई दी और परिवार तथा तमाम समर्थकों के बीच उनकी अस्थियों को गंगा में प्रवाहित किया। बेटे के सिर से पिता का साया हटने का दुख आरएस बाली के छलकते आंसू बखूबी बयां कर रहे थे। पिता के साथ साए की तरह हमेशा साथ रहने वाली उनकी बेटी भी फफककर रोती दिखाई दी। हिमाचल के इस धाकड़ शख्सियत की अंतिम विदाई के बाद समर्थकों में भी काफी मायूसी है।
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