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धर्मशाला। एशियाई फुटबॉल कॉन्फेडरेशन (एएफसी) ने हिमाचल प्रदेश को ‘सी’ लाइसेंस सर्टिफिकेट कोर्स करवाने की मंजूरी दे दी है। हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ की ओर से फुटबॉल खेल के क्षेत्र में लगातार दी जा रही बेहतरीन सेवाओं के चलते यह बड़ी सफलता हाथ लगी है। एचपीएफए के मीडिया को-ऑर्डिनेटर सत्यदेव शर्मा ने बताया कि इससे पहले हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ (एचपीएफए) प्रदेश में अखिल भारतीय फुटबॉल परिसंघ (एआईएफएफ) ‘डी’ लाइसेंस सर्टिफिकेट कोचिंग कोर्स करवाता रहा है।
एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) ने प्रदेश की उपलब्धियों और बेहतर कार्य क्षेत्र में योगदान के लिए यह जिम्मेदारी सौंपी है। हाल ही में हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में उत्तर भारत की प्रतिष्ठित संतोष ट्रॉफी फुटबॉल प्रतियोगिता का सफल आयोजन संघ द्वारा किया गया था। इसके अलावा कई राष्ट्रीय तथा प्रादेशिक फुटबॉल प्रतियोगिताएं भी करवाई गई हैं। हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ के महासचिव दीपक शर्मा ने बताया कि संघ की ओर से मई, 2013 से प्रदेश में ‘डी’ लाइसेंस सर्टिफिकेट कोचिंग कोर्स करवाना शुरू किया था। अब तक 15 से अधिक ‘डी’ लाइसेंस सर्टिफिकेट कोचिंग कोर्स प्रदेश के विभिन्न जिलों में आयोजित करवाए जा चुके हैं।
शर्मा ने बताया कि संघ ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में ‘डी’ लाइसेंस सर्टिफिकेट कोचिंग कोर्स करवाए, ताकि ज्यादा से ज्यादा भागीदारी प्रदेश के जिलों को दी जा सके। उन्होंने बताया कि इनका आयोजन स्थानीय फुटबॉल संघ के सहयोग से सफलता पूर्वक करवाया गया है। इनमें देश के अलावा विदेशी फुटबॉल प्रशिक्षु प्रतिभागियों ने भी भाग लिया।
एशियाई फुटबॉल परिसंघ द्वारा देश भर में जिन स्थानों पर ‘सी’ लाइसेंस कोचिंग कोर्स करवाने के लिस योग्य राज्यों की सूची जारी की है। इसमें पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को भी जगह मिली है। हिमाचल प्रदेश के अलावा गोवा, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, असम, राजस्थान, मिंजोरम, हरियाणा, मेघालय, केरल, गुजरात, चंडीगढ़, सिक्कम, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली और एआईएक पटियाला (पंजाब) में ‘सी’ लाइसेंस करवाने की मंजूरी मिली है। भारत में यह कोचिंग कोर्स मई, 2018 से आरंभ किया जाना है।
‘सी’ लाइसेंस के लिए ये है जरूरी
एएफसी सी लाइसेंस सर्टिफिकेट कोचिंग कोर्स करने के लिए प्रशिक्षु के लिए कुछ मानदंड तय किए गए हैं। तय मानदंडों के अनुसार प्रशिक्षु का फुटबॉल खेल में अनुभव, फिटनेस स्टेट्स, फिजिकल व मेडिकली फिटनेस, कोर्स के दौरान सौ फीसदी उपस्थिति, प्रशिक्षु का व्यवहार, खेल के प्रति अखंडता, कोचिंग प्रतिबद्धता, कोचिंग क्षमता, लिखने और पढ़ने की क्षमता, ग्रासरूट और एएफसी पूर्व अपेक्षित परीक्षा में हिस्सा लिया होना अनिवार्य है।
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