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नई दिल्ली। एशियन गेम्स में मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों के ऊपर जहां करोड़ों रुपए लुटा दिए जा रहे हैं वहीं देश को इन्हीं गेम्स में देश को मेडल दिलाने वाला एक खिलाड़ी चाय बेचकर पेट पालने को मजबूर है। देश को सेपक टकरा में पहला ऐतिहासिक मेडल जीतने में योगदान देने वाले हरीश कुमार की स्थिति में मेडल जीतने के बाद बस इतना सा बदलाव आया है कि वे अब अपनी पुरानी टी शर्ट ना पहन कर एशियन गेम्स के लोगो वाली टी शर्ट पहनकर चाय बेच रहा है।
देश के लिए एतिहासिक मेडल जीतने से पहले भी हरिश अपने पिता की चाय की टपरी पर उनका हाथ बटाया करता था। वहीं मेडल जीतकर लौटने के बाद उसकी जिंदगी वापस से पुराने ढर्रे पर लौट गई है। वह वापस से अपने परिवार के गुजारे के लिए पिता के साथ चाय की दुकान पर खड़ा हो गया है। हरिश कुमार ने पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान बताया कि मेरा परिवार बहुत बड़ा है और कमाई करने के साधन सीमित हैं। परिवार को सहारा देने के लिए मैं चाय की दुकान में अपने पिता के साथ काम करता हूं और 2 बजे से 6 बजे तक चार घंटे खेल की प्रैक्टिस भी करता हूं। भविष्य में परिवार के बेहतर भविष्य के लिए अच्छी नौकरी करना चाहता हूं।
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