- Advertisement -
शिमला। विधानसभा में आज राज्यपाल अभिभाषण पर चर्चा के दौरान प्रदेश के दोनों दिग्गज नेता आपस में भिड़ गए। सीएम वीरभद्र सिंह और नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल क्षेत्रवाद के मुद्दे पर आपस में उलझे और दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए कि क्षेत्रवाद को वे बढ़ावा दे रहे हैं। इस दौरान सदन में दोनों तरफ तल्खी दिखी और दोनों के बीच तीखी नोक-झोंक हुई। स्थिति यहां तक बनी कि एक तरफ वीरभद्र सिंह बोल रहे थे तो दूसरी तरफ से धूमल अपनी बात कह रहे थे। विधानसभा में यह गरमा-गरमी उस वक्त शुरू हुई, जब नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल ने 1990 के मल्होत्रा आयोग की रिपोर्ट का जिक्र किया। धूमल ने उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कांगड़ा, ऊना, हमीरपुर, मंडी के कुल 22 दुकानदारों को सेब बहुल एक हलके से जाने को कहा गया था। उन्होंने कहा कि इनकी दुकानें लूटी गई और कहा कि उन्हें वहां से जाने को कह दिया। यह सब उस हलके में हुआ, जिस हलके का प्रतिनिधित्व वीरभद्र सिंह ने कई बार किया है।
धूमल यही, नहीं रुके, उन्होंने कहा कि क्षेत्रवाद का आरोप बीजेपी पर लगाया जाता है और क्षेत्रवाद आप (वीरभद्र सिंह) फैलाते हैं। आंदोलन सेव उत्पादक इलाकों में हुआ था, लेकिन क्षेत्रवाद का यह कार्य एक ही हलके में हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि क्षेत्रवाद की आग कांग्रेस ने लगाई थी।
धूमल ये आरोप लगा ही रहे थे कि वीरभद्र सिंह अपनी सीट से उठे और कहा कि बीजेपी क्षेत्रवाद को बढ़ाती है और जिस रिपोर्ट का वे हवाला दे रहे हैं, उसे वे सिरे से खारिज करते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवाद को बीजेपी ने बढ़ाया है। उन्होंने धूमल से कहा कि जिस रिपोर्ट का हवाला दे रहे हैं, लगता है वह रिपोर्ट आपकी घर की जांच रिपोर्ट की होगी। वीरभद्र सिंह ने कहा कि जब कोई क्षेत्रवाद की बात करता है तो उनका खून खौलने लग जाता है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवाद की विचारधारा बीजेपी की है और वे इसका विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल एक है और एक ही रहेगा और कोई भी इसे नहीं तोड़ सकता और न ही इसे क्षेत्रवाद में बांट सकता है। उन्होंने तो धूमल और बीजेपी को यहां तक चुनौती दी कि वे चुनाव में आएं, वे उन्हें वहां देख लेंगे।
धूमल ने कहा कि क्षेत्रवाद कांग्रेस ने किया है और हमीरपुर से ही सरकार ने कई कार्यालय शिफ्ट कर दिए। उन्होंने कहा कि जातिवाद पर कांग्रेस ने राजनीति की और मंडी लोकसभा चुनाव में राम स्वरूप की जीत के बाद कहा था कि ब्राह्मण इकट्ठे हो गए थे। इस पर वीरभद्र बोले के ब्राह्मण उनके सबसे ज्यादा समर्थक हैं।
उन्होंने धूमल को सीधे निशाने पर लेते हुए कहा कि जब वे बोलते हैं तो जहर फैलाते हैं। धूमल फिर वीरभद्र सिंह को शांत कराने लगे और कहा कि वीरभद्र सिंह सदन में सबसे वरिष्ठ हैं और उन्हें जूनियर से बार-बार नहीं उलझना चाहिेए। इस पर वीरभद्र ने कहा कि वे आपसे (धूमल) से भिड़ रहे हैं। इस दौरान सदन में ठहाके भी लगे और कहा कि क्षेत्रवाद पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं होनी चाहिए।
- Advertisement -