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कुल्लू। शरद सुंदरी की प्रतियोगिता एक बार फिर विवादों में घिर गई है। वर्ष 2004 में सबसे पहले शरद सुंदरी की प्रतियोगिता विवादों में रही थी और उस समय जजों की भूमिका कटघरे में खड़ी हुई थी, लेकिन इस बार फिर से जजों की भूमिका सवालों के घेरे में है। शरद सुंदरी की प्रतियोगिता हालांकि अभी पहले दौर से ही गुजरी है। लेकिन, यह प्रतियोगिता इस बार पहले दौर से ही विवादों में घिर गई है। शरद सुंदरी की प्रतियोगिता से बाहर हुई पांच प्रतिभागियों ने आरोप लगाया है कि उनके साथ जजों ने भेदभाव का रवैया अपनाते हुए प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है। आरोप है कि जिन प्रतिभागियों को जजों द्वारा अंदर लिया गया है उनमें कई ऐसी प्रतिभागी है वे हमसे कहीं आगे नहीं ठहरती है। लेकिन जजों ने उन्हें प्रतियोगिता में रखा है और हमें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया है।
उनका आरोप है कि जज सुंदरी की प्रतियोगिताओं में भाग लेने आई युवतियों पर दबाव बना रहे हैं और सीधे तौर पर प्रतियोगिता से बाहर करने की धमकी दे रहे हैं। उन्होंने कहा है कि जज उन्हें उस मार्क लिस्ट कों हमें दिखाएं जिस आधार पर उन्हें प्रतियोगिता से बाहर किया गया है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि जजों ने सिर्फ ड्रैसिंग सेंस के हिसाब से ही मार्किंग की गई है जबकि हमारा ड्रैसिंग सेंस के साथ साथ कैटवाक, स्पीच सहित तमाम योग्यताएं प्रतियोगिता के अनुकूल थी लेकिन उसके बावजूद भी हमें प्रतियोगिता से बाहर कर दिया गया है। उधर, एसडीएम मनाली एचआर बैरवा का कहना है कि युवतियों द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और प्रतियोगिता नियमों के हिसाब से करवाई जा रही है और प्रतियोगिता का आकर्षक बनाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन इस तरह से प्रतियोगिता से बाहर हुई युवतियों को आरोप नहीं लगाने चाहिए।
पर्यटक हैरान, कैसे महिलाएं मुंह पर मुखौटा लगाए कर रही डांस
मनाली में चल रहे राष्ट्रीय शरदोत्सव के चौथे दिन मालरोड पर आयोजित कुल्लूवी नाटी व होरन नृत्य को देख बाहरी राज्यों से यहां पहुंचे पर्यटक खासे हैरान दिखे। पर्यटक इस बात पर हैरान थे कि कैसे महिलाएं मुंह पर मुखौटा लगाकर कुल्लूवी वाद्य यंत्रों की धुन पर बिलकुल सटीक चाल बैठा रही हैं और एक लय में दर्जनों महिलाएं नृत्य कर रही हैं। कार्निवाल कमेटी द्वारा शरदोत्सव को आकर्षक बनाने के लिए चौथे दिन मालरोड पर कुल्लूवी नृत्य व होरन नृत्य का आयोजन किया गया। वीरवार को पतलीकूहल-मनाली के दाएं तट की ओर के गांवों से आए 25 महिला मंडलों की महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
दोपहर के समय माल रोड के बीचोंबीच महिलाओं की कतार लगाई गई और फिर कुल्लवी वाद्य यंत्रों की धुन पर नृत्य का दौर शुरू हुआ। बाहरी राज्यों से पहुंचे पर्यटक इस नृत्य को अपने कैमरों में कैद करने में लगे रहे, ताकि वो इस पल को यादगार बना सके।
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