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बिलासपुर। जातिवाद के सहारे मंदिर में घुसने से रोकने पर कोर्ट ने एक बाबा और उसके साथी को एससी-एसटी एक्ट के तहत दोषी पाया है। यहां स्पेशल कोर्ट ने दोनों दोषियों की सजा का निर्धारण 10 अक्टूबर को करने का ऐलान किया है।
पीड़ित तुलसी दास बंसल ने 27 जनवरी 2012 को कोर्ट थाना बिलासपुर में एफआईआर दर्ज करवाई की थी। इसमें कहा गया था कि दिनांक 24 जनवरी 2012 को जब वह अपने कुछ अन्य साथियों के साथ महाबलि मंदिर खैरियां में प्रवेश कर रहा था तो बाबा केवल पुरी और हर केवल सिंह ने उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका। मंदिर की दीवारों पर लिखा था, ”शुद्रों का प्रवेश मंदिर में निषेध है”। पुलिस थाना कोर्ट ने मामले की जांच कर बाबा केवल पुरी और हर केवल सिंह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।
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