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Babri Masjid case: लखनऊ। अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस की सुनवाई के मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता व पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी, और उमा भारती सीबीआई की कोर्ट में पेश होंगे। सुनवाई में 12 लोगों के खिलाफ आरोप तय होने हैं। इस सुनवाई के लिए आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती लखनऊ पहुंचे हैं। इससे पहले आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात की थी। इन नेताओं की मुलाकात लखनऊ के वीवीआइपी गेस्ट हाउस में हुई। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी स्वागत के लिए गेस्ट हाउस पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ तथा अन्य नेताओं ने इस मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं से भी बातचीत की। बता दें कि विमल कुमार श्रीवास्तव लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया के वकील हैं जवकि के के मिश्रा और मनीष त्रिपाठी राम विलास वेदांती, धर्मदास महंत, महंत नृत्यगोपाल दास, चंपत राय, सतीश प्रधान व बैकुंठ लाल शर्मा की पैरवी करेंगे।
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने विनय कटियार, विहिप नेता विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा से भी कोर्ट में पेश होने को कहा है। इस मामले को लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि यह एक आंदोलन है और मैं कोर्ट का सम्मान करती हूं इसलिए पेश होने जा रही हूं। वेंकैया नायडू का कहना है कि आडवाणी और जोशी बेदाग साबित होंगे, जवकि साक्षी महाराज ने कहा कि यह राम जन्मभूमि है और मस्जिद को बाबरी कहना बंद करें।
कोर्ट अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाये जाने से जुडे़ दो अलग अलग मामलों की सुनवाई कर रही है और कोर्ट ने कहा था कि अब सुनवाई स्थगित करने का कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को आदेश दिया था कि आडवाणी, जोशी और उमा के अलावा बाकी सभी आरोपियों पर बाबरी ढांचा ढहाए जाने के मामले में षड्यंत्र का मुकदमा चलेगा। बाबरी विध्वंस को लेकर दो मामले दर्ज किए गए थे। पहला बाबरी मस्जिद को गिराने वाले आरोप,दूसरा लोगों को उकसाने और साजिश रचने का आरोप। कोर्ट ने रायबरेली की अदालत में आडवाणी, जोशी, उमा और अन्य आरोपियों पर चल रहे मुकदमे को लखनऊ स्थानांतरित करने का आदेश दिया, ताकि इन मामलों की सुनवाई एक साथ हो सके।
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