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धर्मशाला। नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र में परिवहन मंत्री जीएस बाली महाबली बने हुए हैं। विगत चार चुनावों में बाली बीजेपी को धूल चटाते आ रहे हैं। बीजेपी की हालत यहां कुछ ऐसी है कि 2012 में हुए चुनावों में बीजेपी प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई थी।इस बार भी नगरोटा बगवां में जीएस बाली कांग्रेस पार्टी से टिकट के अकेले दावेदार हैं, जबकि बीजेपी में टिकट के तलबगारों की तादाद बढ़ी है।
यदि बीजेपी यहां इसी तरह टुकड़ों में बंटी रही तो 20 वर्ष से कमल खिलने की आस एक बार फिर से अधूरी रह सकती है। 2012 के विधानसभा चुनावों में बतौर आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़कर दूसरे स्थान पर रहने वाले अरुण मेहरा उर्फ़ कूका अब बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य हैं।
जिस तरह बीजेपी प्रत्याशी मंगल चौधरी का चुनावों में प्रदर्शन रहा है उससे बीजेपी शायद ही मंगल की कामना करेगी। कूका ने पिछले चुनावों में बाली की जीत की राह में जिस तरह रोड़े अटकाने की कोशिशें की थीं उससे बीजेपी भी उनकी मुरीद हुई है और कूका पर दांव खेल सकती है, लेकिन जब से कूका बीजेपी में शामिल हुए हैं तभी से पुराने बीजेपी कार्यकर्ता और पदाधिकारी उनके खिलाफ आवाज बुलंद करते आए हैं इसलिए कूका को टिकट मिल भी जाए तो भितरघात की पूरी संभावना है। पुराने बीजेपी नेता अपनी राजनीतिक जमीन किसी बेगाने को छोड़ने को तैयार नहीं दिख रहे। बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी मंगल चौधरी जहां अपने प्रयास जारी रखे हुए हैं वहीं कूका भी खामोश नहीं बैठे हैं।
इसके अलावा बीजेपी के पूर्व विधायक रामचन्द भाटिया भी चुनावी दौड़ में खुद को रखे हुए हैं। मंडल बीजेपी के अध्य्क्ष डॉ नरेश विरमानी भी वक्त के साथ मजबूत हुए हैं और टिकट के लिए दावेदारी जता रहे है। युवा मोर्चा से अजय सिपहिया भी टिकट हासिल करने के लिए अपनी गोटिया फिट करने में लगे हुए है। कुल मिलाकर हालत यह है कि बीजेपी कमल खिलाने के सपने तो देख रही है, लेकिन अपनों में ही जंग यह सपना पूरा होने में बाधा बन सकती है। जिस तरह पिछले चुनावों में कूका का प्रदर्शन रहा है उससे नगरोटा में बाली का तिलिस्म तोड़ने की किरण बीजेपी को भी नजर आ गई है और देखना यह है कि बीजेपी किसे बाली का बल परखने के लिए मैदान में उतारती है।
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