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चीनी ऐप्स पर लगा Ban एक बड़ा अवसर, भारत Make in India ऐप्स का हब बने: रविशंकर
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने अलग अलग तरीके के 59 मोबाइल ऐप्स (Mobile Apps) को देश की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पूर्वाग्रह रखने वाला बताते हुए उन पर बैन (Ban) लगा दिया, जिसमें चीन के एप टिकटॉक, शेयरइट और वीचैट जैसे एप भी शामिल हैं। अब इस मामले पर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी, कम्युनिकेशन और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का बयान सामने आया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि चीनी ऐप्स पर हमने जो प्रतिबंध लगाया है, मुझे लगता है कि यह एक बड़ा अवसर है। क्या हम भारतीयों द्वारा बनाए गए अच्छे ऐप के साथ मार्केट में आ सकते हैं? हमें कई कारणों से अपने एजेंडे पर चलने वाले विदेशी ऐप्स पर निर्भरता को रोकना है।
भारत को सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाने का है हमारा मकसद
Five years ago on 1st July, PM @narendramodi Ji had launched Digital India. In last 5 years, our nation has steadily progressed towards prosperity, transparency & inclusive growth due to the implementation of some of the major initiatives of Digital India.#5YearsOfDigitalIndia pic.twitter.com/lXcKkyxEiF
— Ravi Shankar Prasad (@rsprasad) July 1, 2020
आज के दिन पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल डिजिटल इंडिया (Digital India) मुहिम के पांच साल पूरे होने के मौके पर डिजिटल इंडिया @5 साल फिल्म, डिजिटल भारत आत्मनिर्भर भारत के 5 साल पर ई-बुक और उमंग फिल्म के लॉन्च पर केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद मौजूद रहे। इस मौके पर उन्होंने आगे कहा कि भारत के पास टैलेंट की कमी नहीं है। सरकार की ओर से उन्हें प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इंफोसिस (Infosys) के नंदन नीलकेणी से अपील करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही इन टैलेंट को आप जैसे लोगों की मदद की जरूरत है। देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप की बहुत संभावना है।
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उन्होंने कहा कि आप लोग स्टार्टअप, प्रशिक्षित लोगों की यथासंभव मदद करें, ताकि विदेशी ऐप्स पर हमारी निर्भरता खत्म हो सके। चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध बड़ा अवसर देता है कि भारत मेक-इन-इंडिया ऐप्स का हब बने। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमारा मकसद भारत को सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भर बनाने का है। इसके लिए स्टेक होल्डर से बात करके नीति बना ली गई है। हम चाहते हैं कि तमाम डिजिटल मीडियम में आत्मनिर्भर बनने के साथ ही भारत सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने। भारत दुनिया का सॉफ्टवेयर हब बने।