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नई दिल्ली। भारत के बैंकों को धोखाधड़ी (Fraud) के आरोपी विजय माल्या (Vijay Mallya) की संपत्तियां बेच कर कर्ज वसूली करने की इजाजत मिल गई है। प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) (Prevention of Money Laundering Act) कोर्ट ने यह मंजूरी दी है। हालांकि, कोर्ट ने इस फैसले पर 18 जनवरी तक स्टे लगाई है ताकि माल्या इस आदेश के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील कर सकें। माल्या के वकीलों का कहना है कि यह डेट रिकवरी ट्राइब्यूनल (Recovery tribunal) ही तय कर सकता है।
बता दें, बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रुपए के लोन न चुकाने, जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ब्रिटेन (Britain) में माल्या मुकदमे का सामना कर रहा है। बता दें, पिछले साल फरवरी में ईडी ने पीएमएलए कोर्ट को बताया था कि उसे संपत्तियों की नीलामी से कोई समस्या नहीं है। वहीं जिन बैंकों का कर्ज बकाया है, उसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया प्रमुख है। ये बैंक विजय माल्या से कम से कम 6,200 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी में हैं। ईडी ने कोर्ट से इस कहा है कि वह बैंकों को इस बात की गारंटी लेने को कहे कि अगर केस में विजय माल्या की जीत होती है तो सारे पैसे कोर्ट या ईडी को लौटा दिए जाएंगे। धोखाधड़ी (Fraud) करने के बाद से ही माल्या लंदन में है। उसे भारत वापस लाने के लिए सरकार कई प्रयास कर रही है, लेकिन कोई भी कोशिश कामयाब होती नहीं दिख रही है।
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